Budget Special: आजादी से अब तक इतनी बार बदला है टैक्स स्लैब, कब हुआ था बड़ा बदलाव?
इस साल के आम बजट को लेकर भी आम जनता को भी काफी उम्मीदें हैं। हर साल टैक्सपेयर को उम्मीद रहती है कि उन्हें टैक्स छूट या फिर कोई और रियायतें दी जाएगी। भारत सरकार ने टैक्स स्लैब में कई बदलाव किये हैं। इन बदलावों का असर आम जनता पर पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे कि सरकार ने कब-कब इनकम टैक्स में बड़े बदलाव किये हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपसे कहा जाए कि बजट (Budget) में आपको किस घोषणा का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है, तो शायद आपका भी वही जवाब होगा जो करोड़ों अन्य भारतीयों का होता है। जी हां, बात हो रही है आयकर में छूट के एलान की, जिसका इंतजार हर बजट में सबसे ज्यादा होता है।
इस बार भी नई सरकार के गठन के बाद जुलाई महीने में बजट (Budget 2024) पेश होने की संभावना है, और फिर से लोगों को उम्मीद है कि इस बार तो सरकार इनकम टैक्स में जरूर रियायत देगी।
मोदी सरकार के पिछले 9 साल के बजट में कभी भी टैक्स में रियायत नहीं दी गई है लेकिन, इस बार गठबंधन की मोदी सरकार से लोगों को बहुत उम्मीदें है। पिछली बार वर्ष 2017-18 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब में थोड़ा बदलाव जरूर किया था। तब उन्होंने 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर लगने वाले 10 फीसदी की दर को घटा कर 5 फीसदी कर दिया था।
इसके साथ ही, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 87ए के तहत मौजूदा छूट (जो 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को दी जाती थी) को 2.5 लाख रुपये से 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं के लिए 5,000 रुपये से घटाकर 2,500 रुपये कर दिया गया था।
आजादी के बाद से इनकम टैक्स की दरों में कई बार बदलाव किए गए हैं। अब चूंकि बजट एक बार फिर पेश होने वाला है, तो ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि आजादी के बाद से अब तक कब-कब और क्या बदलाव इनकम टैक्स को लेकर हुए हैं।
आजादी के बाद से कितना बदला टैक्स सिस्टम
- 26 जनवरी 1950 के बाद यानी पहले गणतंत्र दिवस (Republic Day) के बाद भारत ने अपना खुद का बजट, टैक्स सिस्टम बनाना शुरू किया था। इसमें समय -समय पर कई बदलाव भी हुए।
- टैक्स स्लैब में सबसे पहली बार 1949-50 में बदलाव हुआ था। इस साल 10,000 रुपये के इनकम को घटाकर 1 आना का चौथाई कर दिया गया था। आपको बता दें कि उस समय 1 रुपये को 16 आना में बांटा जाता था।
- वर्ष 1974-75 में टैक्स सिस्टम में सबसे बड़ा बदलाव हुआ था। इस साल इनकम के सभी स्लैब की टैक्स दरों को कम किया गया था। इस साल 60,000 रुपये तक की इनकम को टैक्स-फ्री किया गया। इसके अलावा हर इनकम की सरचार्ज लिमिट को घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया था। इस साल संपत्ति कर की दर को बढ़ाया गया था।
- वित्त वर्ष 1985-86 में देश के वित्त मंत्री वी.पी.सिंह थे। वी.पी.सिंह ने टैक्स सिस्टम में मौजूद टैक्स स्लैब को 8 से घटाकर 4 कर दिया था। इसके अलावा टैक्स की मैक्सिमम लिमिट को भी 61.87 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया।
- आज हम जिस टैक्स सिस्टम को जानते हैं, जिसे ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) भी कहा जाता है, इसे वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने बनाया था। मनमोहन सिंह वर्ष 1992-93 में यह सिस्टम लेकर आए। इसमें टैक्स स्लैब को 4 से घटाकर 3 कर दिया गया था।