Move to Jagran APP

Economic Survey 2023: कोरोना की चुनौतियों से उबरी अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2024 में 6.5% रह सकती है विकास दर

Budget 2023 सरकार ने बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण जारी कर दिया है। सर्वेक्षण के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के कारण रुपये में गिरावट की संभावना बनी हुई है। (जागरण ग्राफिक्स)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 31 Jan 2023 01:45 PM (IST)
Hero Image
budget 2023 economic survey released by nirmala sitharaman
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश कर दिया है। सर्वे में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत की तुलना में 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। 2021-22 में अर्थव्यवस्था 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। सर्वे के मुताबिक, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

आर्थिक सर्वेक्षण बजट से एक दिन पहले हर साल सरकार द्वारा जारी किया जाता है। ये आर्थिक सर्वेक्षण ऐसे समय पर आया है, जब देश महंगाई और वैश्विक अस्थिरता की वजह से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण काफी महत्वपूर्ण है।

PPP में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पीपीपी (क्रय शक्ति समानता) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। विनिमय दर के मामले में पांचवां सबसे बड़ा देश है। भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार देखा जा रहा है और कोरोना काल में जो नुकसान हुआ था, काफी हद तक उसकी भरपाई कर ली गई है। जो विकास के काम रुके हुए थे, उन्हें फिर से शुरू कर दिया है।

वहीं, यूएस के केंद्रीय बैंक फेड द्वारा ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना के साथ रुपये के गिरने की चुनौती बनी हुई है। महामारी से भारत की रिकवरी अपेक्षाकृत जल्दी हुई है और इससे घरेलू मांग से समर्थन मिलेगा।वहीं, पूंजी निवेश में सहारा मिलेगा। हालांकि, चालू खाता घाटा बढ़ना जारी रह सकता है क्योंकि वैश्विक कीमतें ऊंची बनी हुई हैं और इससे रुपये पर दबाव आ सकता है।

महंगाई का खपत पर असर नहीं

आर्थिक सर्वेक्षण में आरबीआई ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई की दर 6.8 प्रतिशत का मांग पर कोई असर नहीं होगा। महंगाई की दर लंबे समय तक अधिक रहने के कारण ब्याज दरें उच्चतम स्तर पर रह सकती हैं।

नवंबर में खुदरा महंगाई दर 6 प्रतिशत के नीचे आ गई थी और यह जनवरी 2022 के बाद पहला मौका था, जब महंगाई दर आरबीआई के तय किए गए स्तर 2-6 प्रतिशत के बीच आ गई थी। दिसंबर के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, महंगाई दर 5.72 प्रतिशत पर आ गई है, थोक महंगाई दर 22 महीने के निचले स्तर 4.95 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।

पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पूरा किया जाएगा

सरकार की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि पूंजीगत व्यय के 7.5 लाख करोड़ के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही बताया गया कि वैक्सीन लगने और सरकार की ओर से किए गए सुधारों के कारण विकास दर को सहारा मिला है।

ये भी पढ़ें-

Budget 2023: क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण, बजट से पहले क्यों किया जाता है जारी, जानें इसका इतिहास और महत्व

Budget 2023: बजट भाषण के दौरान कही गईं वो बातें, जो अब तक की जाती हैं याद