पहले त्योहार फिर शादी, अर्थव्यवस्था की होगी चांदी; GDP ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत से ज्यादा रहने का अनुमान
अक्टूबर में त्योहार और नवंबर-दिसंबर में देश भर में 48 लाख से अधिक शादियों से पूरी अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलने जा रहा है। दोनों ही अवसर पर ऑटोमोबाइल्स उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं गारमेंट ज्वैलरी गिफ्ट खाने-पीने के आइटम की मांग बढ़ जाती है। त्योहार में इन सबके अलावा मकान-दुकान की भी खरीदारी होती है। मोदी ने इस बार फिर से कहा कि मिट्टी के दीये खरीदना वोकल पर लोकल नहीं है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अक्टूबर में त्योहार और नवंबर-दिसंबर में देश भर में 48 लाख से अधिक शादियों से पूरी अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलने जा रहा है। त्योहार और शादी दोनों ही अवसर पर ऑटोमोबाइल्स, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं, गारमेंट, ज्वैलरी, गिफ्ट व खाने-पीने के आइटम की मांग बढ़ जाती है। त्योहार में इन सबके अलावा मकान-दुकान की भी खरीदारी होती है।
निवेश व क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इकरा का मानना है कि सरकारी पूंजीगत खर्च और इस साल त्योहारी सीजन में ग्रामीण इलाके से जबरदस्त मांग निकलने वाली है। इससे चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में जीडीपी विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रह सकती है। दूसरी तरफ गत रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ मन की बात में त्योहार के दौरान मेक इन इंडिया सामान खरीदने की अपील से भी स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री बढ़ेगी।
'मिट्टी के दीये खरीदना वोकल पर लोकल नहीं'
मोदी ने इस बार फिर से कहा कि मिट्टी के दीये खरीदना ही वोकल पर लोकल नहीं है, हमें सभी प्रकार के स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना चाहिए। जानकारों का मानना है प्रधानमंत्री की इस अपील से त्योहार के दौरान चीन से होने वाले गिफ्ट व अन्य छोटे-छोटे आइटम के आयात में भी कमी आएगी।कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव एवं भाजपा सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि अक्टूबर में त्योहार के बाद 12 नवंबर से शादी का सीजन शुरू हो रहा है और देश के 75 शहरों में किए गए कैट के सर्वे के मुताबिक नवंबर-दिसंबर में देश भर में 48 लाख से अधिक शादी समारोह संपन्न होने का अनुमान है जिसमें लगभग छह लाख करोड़ के कारोबार का अनुमान है।
वीडियोग्राफी जैसी कई सेवाओं के कारोबार में बढ़ोतरी
शादी में वस्तुओं की खरीदारी के साथ कैटरिंग, परिवहन, बाजा-बत्ती, सजावट, वीडियोग्राफी जैसी कई सेवाओं के कारोबार में भी बढ़ोतरी होती है। कैट के मुताबिक पिछले कुछ सालों से लोग त्योहार में भारत में बनी वस्तुओं की खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे है और इस बार घरेलू निर्मित वस्तुओं की खरीदारी और बढ़ सकती है।रबी के साथ खरीफ सीजन में भी रिकार्ड उत्पादन की उम्मीद से ग्रामीण इलाके से त्योहार में जबरदस्त खरीदारी की उम्मीद की जा रही है।इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक इस बार त्योहारी सीजन में पिछले साल के त्योहारी सीजन के मुकाबले ज्वैलरी खरीदारी में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी रह सकती है। खुदरा व्यापारी त्योहारी सीजन में टीवी, फ्रिज व अन्य घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की बिक्री में सामान्य महीनों की तुलना में 40 प्रतिशत तक अधिक बिक्री का अनुमान लगा रहे हैं। यहां तक कि कीमत में तेजी के बावजूद रियल एस्टेट कंपनियां भी नवरात्रि व दिवाली पर बिक्री में 15 प्रतिशत तक का इजाफा देख रहे हैं।