बजट 2018: देश के टैक्सपेयर को जेटली के बजट से हैं ये उम्मीदें
आगामी बजट में सरकार पांच लाख से 10 लाख रुपये वाली इनकम के लिए टैक्स दरों में 10 फीसद की कटौती कर सकती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आम बजट 2018-19 में टैक्स दरों में बड़ी रियायत की अपेक्षा की जा सकती है। साथ ही यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का आखिरी पूर्णकालिक बजट है। वित्त मंत्रालय निजी कर छूट की सीमा को बढ़ाने और टैक्स स्लैब में बदलाव करने पर चिंतन कर रहा है। यह जानकारी सूत्रों से मिली है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय के पास जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें मौजूदा 2.5 लाख रुपये के कर छूट दायरे को पांच लाख न सही पर कम से कम 3 तीन लाख रुपये सालाना करने की मांग की गई है। इसके अलावा खुदरा महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार मिडल इनकम ग्रुप खासकर नौकरी पेशा को ध्यान में रखकर टैक्स स्लैब में बारे में विचार कर रहा है।
आम बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया था। लेकिन छोटे करदाताओं को मामूली राहत देते हुए 2.5 लाख से पांच लाख तक की सालाना आय वाले इंडिविजुअल के लिए कर दरें 10 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दी थी।
जानकारी के लिए बता दें वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट एक फरवरी 2018 को पेश किया जाएगा। इसके लिए 29 जनवरी से ही बजट सत्र की शुरुआत हो जाएगी, जो कि दो चरणों में चलेगा। पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 5 मार्च से 6 अप्रैल 2018 तक चलेगा। इकोनॉमिक सर्वे 29 जनवरी को पेश किया जाएगा।
आगामी बजट में सरकार पांच लाख से 10 लाख रुपये वाली इनकम के लिए टैक्स दरों में 10 फीसद की कटौती कर सकती है। वहीं, 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसद और 20 लाख से ऊपर की सालाना इनकम पर 30 फीसद टैक्स लगाया जा सकता है। मौजूदा समय में 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वालों के लिए कोई टैक्स स्लैब नहीं है।