Budget 2023: बजट में MSME सेक्टर को मिल सकती है नई सौगात, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव के लाभ मिलने की आशंका
एक फरवरी को देश का नया बजट पेश होने जा रहा है। बजट में सरकार MSME सेक्टर को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम का लाभ देने की घोषणा कर सकती है। पिछले दो तीन सालों में सरकार ने 14 सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा की है
By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Fri, 27 Jan 2023 08:32 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। बजट में सरकार एमएसएमई सेक्टर को भी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम का लाभ देने की घोषणा कर सकती है। पिछले दो तीन सालों में सरकार ने 14 सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा की है और अगले पांच सालों में इन सेक्टर को पीएलआई स्कीम के तहत 1.97 लाख करोड़ रुपए के इंसेंटिव दिए जाएंगे, लेकिन पीएलआई स्कीम में एमएसएमई सेक्टर सीधे तौर पर शामिल नहीं हो सकते हैं, जबकि देश के निर्यात में एमएसएमई का योगदान 40 फीसद से अधिक है तो जीडीपी में एमएसएमी का योगदान 25 फीसद से अधिक है।
दो तरीकों से मिल सकता है लाभ
सूत्रों के मुताबिक सरकार दो तरीके से एमएसएमई को पीएलआई स्कीम का लाभ दे सकती है। पहला तरीका यह हो सकता है कि पीएलआई स्कीम के लिए निवेश की सीमा राशि को कम कर दिया जाए। एक निश्चित सीमा से अधिक राशि निवेश कर उत्पादन और निर्यात में इंक्रीमेंटल बढ़ोतरी करने पर ही पीएलआई स्कीम का लाभ मिल सकता है।सभी सेक्टर के लिए निवेश सीमा की राशि अलग-अलग है और अधिकतर सेक्टर में यह सीमा 100 करोड़ से अधिक है। एमएसएमई सेक्टर बड़ी मात्रा में निवेश नहीं कर सकते हैं, इसलिए पीएलआई का लाभ कारपोरेट या बड़े समूह उठा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएलआई नियम में बदलाव कर एमएसएमई को शामिल करने के लिए संयुक्त रूप से निवेश की इजाजत दी जा सकती है।
निवेश की सीमा भी हो सकती है निर्धारित
सूत्रों के मुताबिक, बजट में नए सेक्टर को पीएलआई स्कीम शामिल करने की घोषणा हो सकती है और उन सेक्टर में एमएसएमई को ध्यान में रखते हुए निवेश की सीमा निर्धारित की जा सकती है। विभिन्न एमएसएमई एसोसिएशन ने सरकार से एमएसएमई के लिए सर्विस लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लाने की मांग की है ताकि सर्विस सेक्टर के निर्यात को बढ़ाया जा सके।फेडरेशन ऑफ स्मॉल, मीडियम इंटरप्राइजेज के मुताबिक, बजट में औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए फंड की घोषणा की जा सकती है। फिस्मे के मुताबिक अभी देश में सैकड़ों जगहों पर औद्योगिक क्लस्टर है, लेकिन वहां की सड़क व अन्य इंफ्रा की हालत जर्जर होने से उद्यमियों ने अपना कामकाज वहां से शिफ्ट कर लिया है। इन जगहों पर इंफ्रा को दुरुस्त करने से उद्यमी फिर से वहां उत्पादन शुरू कर सकते हैं।