बजट में और क्षेत्रों के लिए आ सकती है पीएलआई योजना, अभी 14 क्षेत्रों के लिए योजनाओं का संचालन कर रही सरकार
सरकारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2022 तक बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग (LSEM) पीएलआई योजना से 4784 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार पीएलआई से जुड़ी 13 योजनाओं के तहत अब तक 650 से ज्यादा आवेदनों को मंजूरी दी चुकी है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 20 Jan 2023 08:03 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र सरकार रोजगार देने वाले ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। ऐसे में आगामी बजट में खिलौना, साइकिल, चमड़ा और फुटवियर जैसे रोजगारपरक क्षेत्रों के लिए भी पीएलआई योजना की घोषणा हो सकती है। अभी सरकार 14 क्षेत्रों के लिए दो लाख करोड़ रुपये के खर्च वाली पीएलआई योजनाओं का संचालन कर रही है। इसमें ऑटोमोबाइल एंड आटो उपकरण, व्हाइट गुड्स, फार्मा, टेक्सटाइल, खाद्य उत्पाद, उच्च क्षमता वाले सोलर पीवी माड्यूल्स, उन्नत रसायन सेल और विशेष स्टील जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि पीएलआई योजना का उद्देश्य घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और मैन्यूफैक्चरिंग में वैश्विक चैंपियन बनना है। इसके बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, खिलौना और चमड़ा जैसे विभिन्न क्षेत्रों तक पीएलआई योजना के लाभ पहुंचाने का प्रस्ताव मंजूरी के उन्नत चरण में है। इन प्रस्तावों की आगामी बजट में घोषणा होने की उम्मीद है। एक अन्य सूत्र का कहना है कि पीएलआई योजना से करीब दो लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है, ऐसे में अन्य क्षेत्रों के लिए इसकी घोषणा संभव है।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग से मिला 4,784 करोड़ का निवेश
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2022 तक बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग (LSEM) पीएलआई योजना से 4,784 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। इसमें 2,03,952 करोड़ रुपये के उत्पादन के प्रस्ताव मिले हैं, जिसमें से 80,769 करोड़ रुपये का निर्यात किया जाएगा। एलएसईएम से जुड़ी पीएलआई योजना ने फॉक्सकॉन, सैमसंग, पेगाट्रान, राइजिंग स्टार और विस्ट्रान जैसी दिग्गज वैश्विक कंपनियों के साथ प्रमुख घरेलू कंपनियों को भी आकर्षित किया है। घरेलू कंपनियों में लावा, माइक्रोमैक्स, आप्टिमस, यूनाइटेड टेलीलिक्स, नियोलिक्स और पैगेट इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। योजना के तहत सभी 14 क्षेत्रों में निजी कंपनियों की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है।Adulteration in Milk: दूध में मिलावट के फर्जी दावों पर सरकार की सफाई, WHO ने भी खारिज की रिपोर्ट