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Budget 2024: किसानों के लिए खास है इस बार का बजट, नेचुरल फार्मिंग और उत्पादकता बढ़ाने पर सरकार का जोर

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपना सातवां बजट पेश कर रही है। इस बजट में किसानों और फार्मिंग को लेकर कई खास घोषणाएं की जा रही है। सरकार नेचुरल फार्मिंग पर फोकस होगा। इसे मिट्टी की क्वॉलिटी बेहतर होगी। साथ ही रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता कम होगी। सरकार 32 फसलों की 109 वेरायटी लाने की तैयारी में हैं जो मौसम की मार से सुरक्षित होगी।

By Ankita Pandey Edited By: Ankita Pandey Updated: Tue, 23 Jul 2024 05:34 PM (IST)
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किसानों के लिए बजट में क्या कुछ है खास, नेचुरल फार्मिंग पर फोकस
बिजनेस, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कृषि क्षेत्र पर फोकस बढ़ाने की बात कही है। सरकार का जोर खासतौर पर नेचुरल फार्मिंग पर होगा। खेती में रिसर्च को ट्रांसफॉर्म करना, एक्सपर्ट की निगरानी, जलवायु के मुताबिक नई वेरायटी को बढ़ावा देने की बात कही गई है।

इसके साथ ही नेचुरल फॉर्मिंग से अगले एक साल में एक करोड़ किसान जुड़ेंगे। सरकार दाल और तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर जोर देगी। इसके लिए प्रोडक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग पर फोकस बढ़ाया जाएगा। सरकार खासतौर पर सरसों, मूंगफली, सनफ्लॉवर और सोयाबीन जैसी फसलों के उत्पादन पर ध्यान देगी।

इन खास पहलूओं पर ध्यान

  • वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि सरकार दालों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत करेगी। सरकार झींगा पालन और विपणन के लिए वित्त मुहैया कराएगी।
  • सरकार मौसम की मार से कम प्रभावित होने वाली फसलो की वेराइटी को लाएगी। इसमें 32 फसलों की 109 वेरायटी लाई जाएगी
  • वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि समर्थ-आधारित किसान क्रेडिट कार्ड पांच राज्यों में शुरू किया जाएगा।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए क्लस्टर स्कीम लाई जाएगी।
  • सरकार नेचुरल फार्मिंग की ओर कदम बढ़ा रही है और अगले एक साल में एक करोड़ किसान जुड़ेंगे। इससे बेहतर कृषि प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता कम होगी।

  • सरकार का मानना है कि नेचुरल फार्मिंग न केवल मिट्टी के स्वास्थ्य और जैव विविधता को बढ़ाती है। इसके अलावा किसानों के लिए खेती की लागत को भी कम करती है।
  • नए वित्त वर्ष में 400 जिलों में खरीफ फसलों का डिजिटल रूप से सर्वे किया जाएगा।
  • इसके अलावा श्रिंप प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
  • सरकार कृषि और सहायक क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का फंड ला रही है।
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नेचुरल फार्मिंग से जुड़ेंगे किसान

  • वित्तमंत्री ने नए बजट में नेचुरल फार्मिंग की तरफ रुख करने पर जोर दिया है।
  • बताया जा रहा है कि आने वाले दो सालों में भारत में 1 करोड़ किसानों को सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग की मदद से नेचुरल फार्मिंग से जोड़ा जाएगा।
  • इनके इंप्लीमेंटेशन के लिए ग्राम पंचायतों और वैज्ञानिक संस्थानों की मदद ली जाएगी।
  • इसके अलावा 10,000 नीड बेस्ड बायो-इनपुट सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे।

किसान क्रेडिट कार्ड

  • इस आम बजट में किसानों की मदद करने के लिए सरकार ने 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जानें की बात कही गई है।
  • इसके अलावा नाबार्ड के माध्यम से भी किसानों को सहायता दी जाएगी।
  • मौसम के बदलने के कारण हर साल किसानों को फसलों के खराब होने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में बजट में कहा गया है कि सरकरा 32 फसलों की 109 नई किस्में लाएगी, जो मौसम से कम प्रभावित होंगी।

दलहन और तिलहन पर खास घोषणा

  • सरकार किसानों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। सरकार ने बताया कि अपने नए बजट के तहत
  • दलहन और तिलहन के प्रोडक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग को मजबूत किया जाएगा।
  • इसके साथ ही सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए एक खास रणनीति तैयार की जाएगी।
  • नए बजट में सरकार ने सब्जियों की सप्लाई चैन को मजबूत करने की बात पर भी जोर दिया है और इनके भंडारण और कलेक्शन पर ध्यान दिया जाएगा।
  • इसके लिए किफार्मर-प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित किया जाएगा।

कई विकसित और विकासशील देशों की तुलना में भारतीय कृषि क्षेत्र की प्रति एकड़ उत्पादकता बहुत कम है। उत्पादकता में सुधार के लिए अनुसंधान एवं विकास (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) में निवेश के साथ-साथ एडवांस तकनीकों को अपनाना आवश्यक है। 2024-25 के बजट में इन दोनों चिंताओं को दूर करने की कोशिश की गई है। कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करने और इसके लिए निजी क्षेत्र को शामिल करने का निर्णय सही दिशा में एक सकारात्मक कदम है। कृषि में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से किसानों और देश को काफी लाभ होने की उम्मीद है।

डॉ. आरजी अग्रवाल, चेयरमैन, धानुका समूह

धानुका समूह के चेयरमैन डॉ. आरजी अग्रवाल आगे कहते है कि इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हमारी छवि भी सुधरेगी, क्योंकि कंप्यूटरीकरण के बाद हम गोपनीय सूचनाओं और डेटा की सुरक्षा कर सकते हैं, जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा हजारों करोड़ रुपये के निवेश के बाद पैदा किया जाता है। भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने के अलावा टेक्नोलॉजी फसल उत्पादन का बेहतर अनुमान लगाने और जरूरत पड़ने पर समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने में भी मदद करेगी।

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