Economic Survey 2024: बड़ा झटका दे सकती थी महंगाई, सरकार के दखल और RBI के उपायों से मिली राहत
आर्थिक सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कोरोना महामारी का प्रकोप था। भूराजनीतिक और सप्लाई चेन बाधित होने से दुनियाभर में महंगाई बढ़ रही थी। वैश्विक विवाद और प्रतिकूल मौसम के चलते भारत में भी कंज्यूमर गुड्स और खाने-पीने की चीजों के साथ दूसरी सेवाओं के दाम बढ़ रहे थे। लेकिन सरकार और आरबीआई मिलकर खुदरा महंगाई को 5.4 फीसदी के स्तर तक लाए।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey 2024) को संसद में पेश किया। इसके मुताबिक, कोरोना महामारी और भूराजनीतिक तनाव के चलते खुदरा महंगाई (Retail Inflation) आसमान पर पहुंच सकती थी। लेकिन, केंद्र सरकार ने समय पर नीतिगत दखल दिया और रिजर्व बैंक ने कीमतों को स्थिर रखने के उपाय किए। इससे खुदरा महंगाई 5.4 फीसदी पर रखने में मदद मिली और जनता को अधिक परेशानी नहीं हुई।
महंगाई के बाद सबसे निचले स्तर पर महंगाई
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कोरोना महामारी का प्रकोप था। भूराजनीतिक और सप्लाई चेन बाधित होने से दुनियाभर में महंगाई बढ़ रही थी। वैश्विक विवाद और प्रतिकूल मौसम के चलते भारत में भी कंज्यूमर गुड्स और खाने-पीने की चीजों के साथ दूसरी सेवाओं के दाम बढ़ रहे थे। लेकिन, सरकार और आरबीआई ने मिलकर खुदरा महंगाई को 5.4 फीसदी के स्तर तक लाए, जो महामारी के बाद इसका सबसे निचला स्तर है।
सरकार ने महंगाई घटाने के लिए क्या किया
वित्त वर्ष 2024 के दौरान ग्लोबल एनर्जी प्राइस इंडेक्स में तेज गिरावट देखने को मिली। वहीं, दूसरी ओर केंद्र सरकार ने एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी का एलान किया। आर्थिक सर्वे के मुताबिक, इसका सकारात्मक नतीजा दिखा और रिटेल इन्फ्लेशन पूरे वित्त वर्ष के दौरान कम रही। इससे आम जनता को काफी राहत मिली।
सरकार ने अगस्त 2023 में घरेलू एलपीजी सिलेंडर्स की कीमतों को 200 रुपये प्रति सिलेंडर तक घटाया था। इसी तरह मार्च 2024 में केंद्र ने पेट्रोल और डीजल के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की। आर्थिक सर्वे ने कहा कि तमाम चुनौतियों और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद सरकार ने सुनिश्चित किया कि चीजों के दाम स्थिर रहे।