Education Budget 2022: शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों के प्रस्तावों पर जानें एडुटेक कंपनियों की प्रतिक्रिया
Budget 2022-23 for Education Sector वर्ष 2022-23 के बजट प्रस्तावों में शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों के लिए किए गए प्रस्तावों का इन क्षेत्रों में कार्य कर रही कंपनियों एवं संस्थानों द्वारा स्वागत किया गया है। विशेषतौर पर डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने वाले प्रावधान के लिए उत्साहित हैं कंपनियां।
By Rishi SonwalEdited By: Updated: Tue, 01 Feb 2022 08:16 PM (IST)
नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। Education Budget 2022 Industry Reactions: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार बजट लोक सभा आज, 1 फरवरी 2022 को प्रस्तुत किया है। कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हुए विभिन्न क्षेत्रों की तरह ही शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों के लिए वित्त मंत्री ने महत्वपूर्ण घोषणाएं की, जिनमें डिजीटल यूनिवर्सिटी की स्थापना, डिजिटल डीईएसएच ई-पोर्टल की स्थापना, पीएम ईविद्या के अंतर्गत वन क्लास वन चैनल का विस्तार 200 चैनलों तक, एआइसीटीई द्वारा अर्बन प्लानिंग से सम्बन्धित कोर्स और वित्तीय सेवाओं एवं तकनीकी पर कोर्स, आदि शामिल हैं। अगले वित्त वर्ष के प्रस्तावों से केंद्रीय बजट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों का लागू करने काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों में कार्यरत विभिन्न संस्थानों व कंपनियों द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट प्रस्ताव का स्वागत किया गया है।
केंद्रीय बजट 2022-23 में किए गए डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना के प्रस्ताव को लेकर एडुटेक कंपनी गीकस्टर के सह-संस्थापक अंकित मग्गू कहते हैं, "हमारे युवाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन-डिमांड स्किल्स की कमी है। कौशल आधारित शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव सरकार का एक अच्छा कदम है, क्योंकि यह सस्ती कीमतों पर दूर-दराज के क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच बढ़ाएगा। साथ ही, डिजिटल डीईएसएच ई-पोर्टल युवाओं के कौशल को और अधिक रोजगार योग्य बनाने में मदद करेगा और कौशल अंतर को कम करेगा, जिससे नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।"
इसी प्रकार, एक अन्य एडुटेक कंपनी डिजिकुल के संस्थापक और सीईओ हिमांशु त्यागी का कहना है, “बाजार में लंबे समय से प्रचलित कौशल अंतर भर्ती करने वालों और देश के युवाओं दोनों के लिए एक चुनौती थी। डिजिटल ई-पोर्टल के लॉन्च के साथ हम इस अंतर को कुछ हद तक भरने की उम्मीद कर सकते हैं। लॉकडाउन के बाद डिजिटल माध्यम को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। डिजिटल इंडिया के अंतिम के उद्देश्यों की पूर्ती के लिए बजट किये गए प्रस्ताव काफी इस दिशा में और भी कारगर होंगे। यदि इनका निष्पादन सही हुआ तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि डिजिटल शिक्षा 5 साल में प्राथमिक शिक्षा प्रणाली बन जाएगी।”
क्षेत्रीय भाषा में कार्य कर रही एडुटेक कंपनी परीक्षा के संस्थापक और सीईओ करनवीर सिंह के अनुसार, “लॉकडाउन के बाद के समय में डिजिटल शिक्षा आधुनिक शिक्षा प्रणाली का लोकप्रिय माध्यम बन गया है। भारत जैसे विविधता वाले देश में, हर क्षेत्र की स्थानीय आवश्यकताओं को समझकर ही शिक्षा दी जा सकती है। कक्षा 1-12 के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने के लिए 'वन क्लास वन टीवी चैनल' का विस्तार देश में प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा को बढ़ावा देगा और डिजिटल विश्वविद्यालय का प्रस्तावित लॉन्च एक साथ उच्च शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इस प्रकार, बजट ने देश में शिक्षा प्रणाली को समग्र रूप से बढ़ाने के लिए एंड-टू-एंड काम किया है।”
वहीं, विदेश में उच्च शिक्षा के लिए कार्य कर रही एडुटेक कंपनी एडमिटकार्ड के पीयूष भारतीय कहते हैं, “बजट के प्रस्ताव शिक्षा प्रणाली में हो रहे बदलावों के अनुरूप है। हमें खुशी है कि सरकार भारत में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। डिजिटल विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा व्यवस्था में लंबे समय से मौजूद गैप को खत्म करने में सहायता मिलेगी।”
दूसरी तरफ, वाधवानी फाउंडेशन में वाधवानी अपॉर्चुनिटी के कार्यकारी वीपी सुनील दहिया कहते हैं, "उत्पादकता बढ़ाना और कौशल विकास एक फली में दो मटर की तरह हैं। स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग पर ध्यान केंद्रित करने के सरकार के फैसले, एपीआई आधारित स्किल क्रेडेंशियल्स के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण और निगरानी पर जोर देने से यह सुनिश्चित होगा कि भारत में टैलेंट पूल मौजूदा उद्योग प्रवृत्तियों के बराबर है। यह निश्चित रूप से दुनिया भर में भारतीय प्रतिभाओं के लिए स्तर बढ़ाएगा, जिससे बेरोजगारी कम होगी और अगले 5 वर्षों में 60 लाख नौकरियों तक पहुंचने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही, भारत में डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से, उद्यमिता शिक्षा और कौशल विकास की पहल को विश्व स्तर पर पहचाना जाएगा और निवेश और प्रतिभा अधिग्रहण के अवसरों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।”
एचएसएनसी विश्वविद्यालय के प्रोवोस्ट डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने केंद्रीय बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "उद्योग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल ईकोसिस्टम की सराहना करता है और इसका स्वागत करता है। डिजिटल विश्वविद्यालयों की स्थापना से शिक्षा की उपलब्धता में वृद्धि होगी। क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा तक आसान पहुंच के साथ, प्रत्येक छात्र को खुद को सशक्त बनाने और जरूरी स्किल प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। वर्ष 2022-23 का बजट कौशल विकास पर भी आवश्यक जोर देता है जो किसी भी व्यक्ति को रोजगार के योग्य और स्थायी बनाता है।"
फिक्की एराइज और सेठ आनंद्रम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया कहते हैं, “केंद्रीय बजट 2022 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को वैश्विक दृष्टि को आगे बढ़ाता है। पीएम ई-विद्या योजना को 200 टीवी चैनलों तक विस्तारित करने और सभी बोली जाने वाली भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली ई-सामग्री विकसित करने के निर्णय से लाभ होगा। बजट में घोषित डिजिटल यूनिवर्सिटी का गठन एक प्रशंसनीय पहल है। डिजिटल विश्वविद्यालय दूर-दराज के क्षेत्रों में भी सभी छात्रों के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में विश्व स्तरीय शिक्षा को सुलभ बनाने में मदद करेगा। शिक्षकों को उनकी योग्यता का निर्माण करने के लिए प्रशिक्षित करने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री विकसित करने के लिए सशक्त बनाने के प्रस्ताव से बेहतर शिक्षण परिणाम सुनिश्चित होंगे।”
संस्थान के ही सीएफओ बिक्रम अग्रवाल कहते हैं, “केंद्रीय बजट 2022 के सबसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों में डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम को सशक्त बनाने के लिए लिए किए गए प्रावधान शामिल हैं। डिजिटल यूनिवर्सिटी का गठन और क्षेत्रीय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण ई-कंटेंट तैयार करने की पहल सभी के लिए शिक्षा को समावेशी बना देगी। साथ ही, सरकार का लक्ष्य आधुनिक कृषि की व्यावहारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित और संशोधित करके कृषि विश्वविद्यालय में सीखने में सुधार करना है। इस बजट का दायरा काफी व्यापक है। यह शिक्षा क्षेत्र के कई पहलुओं को छूता है और इसकी सराहना की जानी चाहिए।”
इंडियन स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी के संस्थापक एवं सीईओ दिलीप पुरी के अनुसार, “सरकार ने हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया है। कौशल विकास के लिए बजट 2022-23 में किए गए प्रावधानों में ड्रोन शक्ति को ड्रोन-ऐज-ए-सर्विस के तौर पर बढ़ावा देने के लिए इसके विकास में संलग्न स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिये जाने की कदम सराहनीय है। अब इसके क्रियान्वयन पर सबकी दृष्टि होगी।”यूफियस लर्निंग के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक सर्वेश श्रीवास्तव ने कहा, “हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि बजट 2022-23 डिजिटलीकरण की आवश्यकता को रेखांकित करता है और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से शिक्षकों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। पीएम ई-विद्या कार्यक्रम के विस्तार से लेकर 200 टीवी चैनलों तक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना से पता चलता है कि सरकार पारंपरिक से डिजिटल शिक्षा की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल लैब की शुरूआत से कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इस तरह की पहल सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों को दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।”