आम बजट 2018-19 के बाद कैसे बदलेगा जॉब मार्केट का हाल, जानिए
साल 2018-19 के बजट में मोदी सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। रोजगार को लेकर आलोचना की शिकार हो रही मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2018-19 का बजट पेश कर दिया है। इस बजट में अरुण जेटली ने रोजगार और छोटे उद्योगों के लिए कुछ घोषणाएं कीं। इस तरह मोदी सरकार ने बजट 2018 के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है। संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 70 लाख लोगों को नौकरी देने की बात कही। सरकार ने इस साल 70 लाख नौकरियों का लक्ष्य के साथ-साथ 50 लाख युवाओं को नौकरी के लिए सरकार ट्रेनिंग भी देगी। रोजगार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
साथ ही साथ उन्होंने रोजगार में इजाफा देने के लिए अन्य कदम उठाने की भी बात कही। इसके अलावा सरकार ने इस बजट के माध्यम से मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप देने का वादा भी किया जिससे कि वो पैसे की टेंशन के बिना अपनी पढ़ाई कर सकेंगे।
सरकार ने रोजगार के लिए अवसर प्रदान करने की भी घोषणा की और 3 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा योजना का लक्ष्य रखा है जिससे कि बेरोजगार लोग अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। इसके साथ ही हर जिले में स्किल सेंटर खोलने की भी घोषणा की गई। लघु और मझले उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री ने पिछली बार की तुलना में 20 फीसद अधिक राशि मुद्रा योजना के लिए आवंटित करने की घोषणा की।
बेरोजगारी के मुद्दे पर आलोचना झेल रही सरकार ने बजट 2018-19 में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने पर जोर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन सरकार के नीति निर्माण का केंद्र बिंदु है। सरकार रोजगार के लिए नई नीति लाएगी। युवाओं के लिए स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। बजट से पहले उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इस संबंध में कोई बड़ी घोषणा कर सकती है।
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