Budget 2024: होम लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर कर छूट को करें पांच लाख
रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको ने आगामी बजट में सरकार से मांग की और कहा कि होम लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर कर छूट को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की जरूरत है। नारेडको ने कहा है कि आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत स्व कब्जे वाली संपत्ति पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर कर छूट दो लाख रुपये तक सीमित है।
पीटीआई, नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको ने सरकार से बजट में होम लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर कर छूट को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मांग की है। संगठन का मानना है कि आवास और ब्याज दरों में वृद्धि के चलते ऐसा करने से घरों की मांग को बढ़ावा मिलेगा।
बिल्डरों ने किफायती घरों की मांग और आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए कुछ कर प्रोत्साहन की भी मांग की। नारेडको ने कहा है कि आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत स्व कब्जे वाली संपत्ति (वह घर जिसमें आयकरदाता रहता है) पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर कर छूट दो लाख रुपये तक सीमित है।
चुननी होगी पुरानी कर व्यवस्था
आयकर कानूनों के अनुसार एक करदाता अधिकतम दो घरों को प्रापर्टी के तौर पर रख सकता है। वित्त वर्ष 2019-20 और उसके बाद से करदाता को दो घरों को स्व-घोषित संपत्ति के अंतर्गत मानने का लाभ दिया गया है। यदि आपके पास होम लोन है तो आप उस ऋण पर चुकाए गए ब्याज का उपयोग अपनी कुल आय को कम करने के लिए कर सकते हैं। इससे कर योग्य आय में कमी आएगी।हालांकि इसके लिए जरूरी है कि आपने पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुना हो। यदि आप नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं, तो आप गृह संपत्ति से किसी भी कटौती का दावा नहीं कर सकते। नारेडको के प्रेसिडेंट हरि बाबू ने कहा कि अगर इन सिफारिशों को लागू किया जाता है, तो इससे न केवल डेवलपर्स को राहत मिलेगी, बल्कि आवास क्षेत्र में मांग भी बढ़ेगी।यह भी पढ़ें - राज्यों के परिवहन निगमों पर भारी पड़ रहा मुफ्त सफर, कर्नाटक में बढ़ेगा किराया, पंजाब सब्सिडी के नियम बनाने की तैयारी