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Budget 2024: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की जमीन का होगा डिजिटलीकरण, बनाए जाएंगे भूमि रजिस्ट्रेशन कार्यालय

Budget 2024 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2024 पेश किया। इस दौरान उन्होंने भू-आधार को लेकर बड़ा एलान किया। जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में सभी जमीनों को एक यूनीक भूखंड पहचान संख्या दी जाएगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि रजिस्ट्रेशन कार्यालय भी बनाए जाएंगे। आइए जानते हैं कि इस बार के बजट मे भू-आधार को लेकर और क्या कहा गया है।

By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Tue, 23 Jul 2024 05:31 PM (IST)
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शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड का GIS मैपिंग के साथ डिजीटलीकरण भी किया जाएगा।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट 2024 मंगलवार को पेश किया। इस बजट में किसानों को लिए कई एलान किए गए हैं। जिसमें नेचुरल फार्मिंग से लेकर डिजिटाइजेशन तक शामिल है। इसके साथ ही सरकार ने भूमि सुधार को लेकर अहम कदम उठाएं है। बजट 2024 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा किया कि ग्रामीण क्षेत्रों की सभी भूमि को विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या दी जाएगी। आइए जानते हैं कि भू-आधार क्या है और बजट 2024 में इसको लेकर क्या कहा गया।

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भूमि सुधार में किया जाएगा काम

भूमि पार्सल पहचान संख्या को भू-आधार के नाम से जाना जाएगा। इससे भूमि की पहचान संख्या के साथ-साथ सर्वे, मैपिंग, मालिकाना हक और किसानों का रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा। इतना ही नहीं किसानों को लोन लेने में भी मदद मिलेगी। वहीं, वित्त मंत्री ने बजट 2024 भाषण में कहा कि भूमि सुधार की दिशा में बढ़ते हुए शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड का GIS मैपिंग के साथ डिजीटलीकरण भी किया जाएगा।

भूमि सुधार को लेकर क्या हुई घोषणा?

शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भू-प्रशासन, शहरी नियोजन, उपयोग और भवनों से संबंधित उप-नियम में सुधार की बात की गई है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में सभी जमीनों को एक यूनीक भूखंड पहचान संख्या दी जाएगी। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि रजिस्ट्रेशन कार्यालय भी बनाए जाएंगे। बजट भाषण के के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि सुधारों को लागू करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी। दोनों क्षेत्रों में भूमि सुधारों को समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा। इस चीज के लिए वित्तीय सहायता भी मुहैया भी कराया जाएगा।

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क्या है भू-आधार?

ULPIN या भू-आधार एक 14-अंकों का विशेष पहचान संख्या है। इसे डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (Digital India Land Records Modernization Program - DI- LRMP) के तहत भारत में भूमी के सभी भूखंड को जारी किया जाता है। भू-आधार को 2008 में शुरू की गई थी। इसका मकसद देश के भूमि अभिलेखों को डिजिटल बनाना और एकीकृत भूमि अभिलेख प्रबंधन प्रणाली देना है। भू-आधार के जरिए भूस्वामियों, भूखंड की सीमाओं, क्षेत्र, उपयोग, और दूसरी जानकारियों की सटीक जानकारी को तैयार किया जाता है।

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