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Shankh Air : इंडिगो के दबदबे को चुनौती देगी यूपी की पहली एयरलाइन, एविएशन मिनिस्ट्री से मिली मंजूरी

एविएशन मिनिस्ट्री ने देश की सबसे नई एयरलाइन- शंख एयर (Shankh Air Airlines) को ऑपरेशन शुरू करने की इजाजत दे दी है। हालांकि आधिकारिक तौर पर फ्लाइट ऑपरेट करने से पहले एयरलाइन को एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए से मंजूरी (DGCA approval) लेनी होगी। यह उत्तर प्रदेश की पहली शेड्यूल्ड एयरलाइन होगी जिसका हब लखनऊ और नोएडा में होगा। आइए जानते हैं कि इसकी पूरी डिटेल।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 24 Sep 2024 03:18 PM (IST)
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शंख एयर के चेयरमैन (Shankh Air Chairman) श्रवण कुमार विश्वकर्मा हैं।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। घरेलू विमानन कंपनियों की लिस्ट में एक और नया नाम शामिल हो गया है, शंख एयर (SHANKH AIR)। इस एयरलाइन को ऑपरेशन शुरू करने के लिए एविएशन मिनिस्ट्री से इजाजत मिल गई है। यह उत्तर प्रदेश की पहली विमानन कंपनी होगी। इसका केंद्र लखनऊ और नोएडा में है। हालांकि, शंख एयर को आधिकारिक तौर पर उड़ान शुरू करने के लिए एविएशन रेगुलेटर- नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से मंजूरी लेनी होगी। शंख एयर के चेयरमैन (Shankh Air Chairman) श्रवण कुमार विश्वकर्मा हैं।

इंडिगो के दबदबे को मिलेगी चुनौती?

शंख एयर की वेबसाइट के अनुसार, एयरलाइन हाई डिमांड और सीमित सीधी उड़ान विकल्पों वाले क्षेत्रों पर फोकस करेगी। उसका इरादा उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। फिलहाल, एविएशन सेक्टर में 60 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी के साथ इंडिगो का दबदबा है। अगर शंख एयर अपने तय प्लान के मुताबिक आगे बढ़ती है, तो इससे इंडिगो कुछ अहम रूट पर अपने यात्री खो सकती है।

तेजी से बढ़ रहा एविएशन सेक्टर

इंडिगो समेत देश के अधिकतर विमानन कंपनियां तेजी से विस्तार की रणनीति अपना रही हैं। एयर इंडिया काफी जल्दी विस्तारा के साथ मर्जर करने वाली है, जो फिलहाल टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस के सह-स्वामित्व में है। एयरएशिया इंडिया को भी एयर इंडिया खरीद रही है और इसे अपनी कम लागत वाली सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ मर्ज कर रही है। इससे एयर इंडिया का फ्लीट और मार्केट शेयर काफी बढ़ जाएगा।

छोटी एयरलाइंस की चुनौतियां

हालांकि, भारत जैसे प्राइस सेंसिटिव मार्केट में छोटी एयरलाइन के लिए सर्वाइव कर पाना मुश्किल है। मिसाल के लिए, गो एयरलाइंस इंडिया लिमिटेड ने पिछले साल मई में अपना कारोबार समेट लिया। स्पाइसजेट भी वित्तीय चुनौतीयों से जूझ रही है। उसका मार्केट शेयर घटकर 2.3 फीसदी पर आ गया है, जो 2021 में 10.5 फीसदी था। दिवंगत निवेशक और शेयर बाजार के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) के निवेश वाली एयरलाइंस Akasa Airlines भी पिछले साल पायलटों के इस्तीफे के चलते मुश्किल में थी।

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