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Budget 2019: जीरो बजट फॉर्मिंग को सरकार देगी बढ़ावा, जानिए क्‍या है यह

Budget 2019 बजट में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीरो बजट खेती को बढ़ावा मिलेगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Fri, 05 Jul 2019 12:06 PM (IST)
Budget 2019: जीरो बजट फॉर्मिंग को सरकार देगी बढ़ावा, जानिए क्‍या है यह
नई दिल्‍ली, जेएनएन। Budget 2019 बजट में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीरो बजट खेती को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए और कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार यह पहल करेगी।

जीरो बजट खेती में कीटनाशक, रासायनिक खाद और हाईब्रिड बीज किसी भी आधुनिक उपाय का इस्तेमाल नहीं होता है। यह खेती पूरी तरह प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है। इस तकनीक में किसान भरपूर फसल उगाकर लाभ कमा रहे हैं, इसीलिए इसे जीरो बजट खेती का नाम दिया गया है। इस खेती में न तो रासायनिक खाद और न ही बाजार में बिकने वाले कीटनाशकों या फिर हाईब्रिड बीजों का इस्तेमाल करते हैं।

इसमें रासायनिक खाद के स्थान पर वह खुद की तैयार की हुई देशी खाद बनाते हैं जिसका नाम ‘घन जीवा अमृत’ रखा है। यह खाद गाय के गोबर, गौमूत्र, चने के बेसन, गुड़, मिटटी तथा पानी से बनती है। वह रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर नीम, गोबर और गौमूत्र से बना ‘नीमास्त्र’ इस्तेमाल करते हैं। इससे फसल को कीड़ा नहीं लगता है। संकर प्रजाति के बीजों के स्थान पर देशी बीज डालते हैं। 

जीरो बजट खेती में खेतों की सिंचाई, मड़ाई और जुताई का सारा काम बैलो की मदद से किया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार के डीजल या ईधन से चलने वाले संसाधनों का प्रयोग नहीं होता है जिससे काफी बचत होती है।