Union Budget 2020: संविधान में 'बजट' शब्द का जिक्र तक नहीं, जानिए बजट से जुड़ी ऐसी पांच रोचक जानकारियां
Union Budget स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर 1947 को आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
By Ankit KumarEdited By: Updated: Sat, 25 Jan 2020 10:12 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी। यह उनका और Modi 2.0 का दूसरा बजट होगा। देश के आम लोगों, उद्यमियों एवं विश्लेषकों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। सीतारमण ऐसे समय में यह बजट पेश करने वाली हैं, जब हाल में जारी पहले अनुमानों के मुताबिक देश की GDP Growth चालू वित्त वर्ष में पांच फीसद रहने की संभावना जतायी गई है। ऐसे में हम आपको इन पांच तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको जानना चाहिए। ये जानकारी आपके लिए काफी अहम है और इससे आने वाले समय में आपको बजट से जुड़ी गतिविधियों को समझने में मदद मिलेगी।
'Budget' शब्दबजट शब्द का उल्लेख भले ही हर कोई करता है लेकिन क्या आपको मालूम है भारत के संविधान में 'Budget' का जिक्र तक नहीं है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में ‘Annual Financial Statement’ यानी 'वार्षिक वित्तीय विवरणी' का उल्लेख है। बजट शब्द की उत्पत्ति लातिन भाषा के शब्द बुल्गा से हुई है। बुल्गा का अर्थ होता है चमड़े का थैला।
देश का पहला बजटआजादी के बाद देश का पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर, 1947 को आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र घोषित किए जाने के बाद जॉन मथाई ने 29 फरवरी, 1950 को भारतीय गणराज्य का बजट पेश किया था।
द ड्रीम बजटH. D. Deve Gowda की सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने वित्त वर्ष 1997-98 के बजट में Individual Income Tax एवं Corporate Tax में कटौती की थी। इसके अलावा कई तरह के आर्थिक सुधार किए गए थे। इसीलिए इस बजट को आज भी 'ड्रीम बजट' के नाम से जाना जाता है।
सबसे ज्यादा बार बजटदेश के पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे अधिक दस बार केंद्रीय बजट पेश किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम इस मामले में दूसरे और प्रणब मुखर्जी तीसरे नंबर पर हैं। चिदंबरम ने नौ दफा जबकि मुखर्जी ने आठ मौकों पर संसद में केंद्रीय बजट पेश किया है।ब्लैक बजटतत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी चव्हाण द्वारा 1973-74 के बजट को ब्लैक बजट कहा जाता है। बहुत अधिक घाटा होने के कारण उनके बजट को ब्लैक बजट कहा जाता है।