Union Budget 2024 : बजट में बैलेंस, सरप्लस और डेफिसेट के क्या होते हैं मायने, जानिए तीनों में क्या होता अंतर
1 फरवरी 2024 को केंद्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेगी। इस बजट में आने वाले वित्त वर्ष की सरकार की प्लानिंग के बारे में बताया जाएगा। क्या आप जानते हैं कि सरकार जब बजट पेश करती है तो उसके बाद हर कोई उसकी व्याख्या अलग-अलग तरीके से करता है। इनमें बैलेंस बजट सरप्लस बजट और डेफिसिट बजट जैसे टर्म का इस्तेमाल होता है।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Wed, 10 Jan 2024 10:00 AM (IST)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2024 से नया वित्त वर्ष (Financial Year 2024-25) शुरू हो जाएगा। ऐसे में आने वाले वित्त वर्ष की प्लानिंग शुरू हो गई है। 1 फरवरी 2024 को सरकार अपनी प्लानिंग के बारे में ब्यौरा देगा। इसे यूनियन बजट (Union Budget) भी कहा जाता है।
इस साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इस वजह से चुनाव के बाद यूनियन बजट पेश किया जाएगा। ऐसे में 1 फरवरी को केंद्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अंतरिम बजट पेश करेंगी।सरकार जब भी बजट पेश करती है तो हर कोई उसकी व्याख्या अलग-अलग तरीके से करता है। इनमें खास तौर पर बैलेंस बजट, सरप्लस बजट और डेफिसिट बजट जैसे टर्म का इस्तेमाल किया जाता है। यहां इस आर्टिकल में हम आपको इन टर्म्स के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
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बैलेंस बजट
जब भी कोई वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित खर्च सरकार के राजस्व के बराबर होता है तो उसे संतुलित बजट यानी Balance Budget कहा जाता है। कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकारी खर्च सरकार की इनकम से नहीं होना चाहिए। बैलेंस बजट मंदी या वित्तीय अस्थिरता की गारंटी नहीं देता है।खर्च और इनकम बराबर रखना काफी चुनौती भरा काम होता है। वैसे बैलेंस बजट की खासियत है कि इससे अर्थिक स्थिरता सुनिश्चित हो जाती है। वहीं यह सरकार के अविवेकपूर्ण खर्चों से भी बचता है।
बैलेंस बजट में मंदी या फिर बेरोजगारी जैसे कई समस्याओं का कोई समाधान नहीं है। इसके अलावा कम विकसित देशों के लिए यह लागू नहीं होता है। इसकी वजह है कि यह आर्थिक विकास के दायरे को कम कर देता है। बैलेंस बजट सरकार द्वारा जन कल्याण (Public Welfare) के खर्च को रोक देता है।