Budget 2024: हर सेक्टर को आम बजट से खास उम्मीदें, 23 जुलाई को होने जा रहा है पेश
Union Budget 2024 अगले हफ्ते वित्त वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश होगा। इस बजट से आम जनता के साथ सभी सेक्टर को काफी उम्मीदें है। आम जनता को जहां एक तरह टैक्स छूट की उम्मीदें हैं। वहीं रियल एस्टेट सेक्टर को अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के समर्थन की उम्मीद हैं। आइए इस लेख में कई दिग्गजों से जानते हैं कि आगामी बजट से क्या उम्मीदें हैं।
बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को है बड़ी उम्मीदें
शहरीकरण की तेज़ रफ़्तार के साथ, रिटेल सेगमेंट बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है, इसलिए ग्रेड ए रिटेल स्पेस की भारी मांग है। यह सिर्फ़ मेट्रो शहरों के लिए ही नहीं बल्कि टियर 2 शहरों के लिए भी सच है, जहाँ पूरी तरह से बदलाव देखने को मिल रहा है। रियल एस्टेट सेक्टर, ख़ास तौर पर कमर्शियल स्पेस में काम करने वाले सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार अपने आगामी बजट में नीतिगत स्तर पर कुछ पहल करके इसे सुनिश्चित करेगी।
भूमिका ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर उद्धव पोद्दार
सौरभ उपाध्याय, एमडी, ट्राइसोल रेड ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए रियल एस्टेट सेक्टर एक महत्वपूर्ण विकास इंजन है, रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया जाना इसकी प्रमुख मांगों में से एक है। इस दर्जे से डेवलपर्स को कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने और कर प्रोत्साहन और छूट का लाभ मिल सकेगा, जो आर्थिक मंदी के समय में महत्वपूर्ण सहारा है। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र ने मजबूती से पुनरुत्थान किया है और इस गति को बनाए रखने के लिए सरकार का समर्थन आवश्यक है।उद्योग के आसपास सकारात्मक भावनाओं के बावजूद, चुनौतियां बनी हुई हैं। रियल एस्टेट सेक्टर प्राइस सेंसिटिव है और सीमेंट और स्टील जैसी इनपुट वस्तुओं पर कर अभी भी परियोजना की निर्माण लागत को बढ़ा रहे हैं। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वो इस पर गौर करेगी और सिंगल विंडो क्लीयरेंस की भी उम्मीद करते है। रियल एस्टेट देश के सबसे बड़े एम्प्लॉयर्स में से एक है और इस क्षेत्र के लिए कोई भी लाभकारी कदम पूरे अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव डालेगा।
अश्विनी कुमार, पिरामिड इंफ्राटेक
नीरज शर्मा, एमडी, एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स के अनुसार नीति आयोग की यह भविष्यवाणी कि भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर बाजार आकार तक पहुँच जाएगा, इसकी दीर्घकालिक संभावनाओं को उजागर करता है। सेक्टर सरकार से स्टील, सीमेंट और ईंधन की लागत को कम करने के उपायों की उम्मीद कर रहा है। उद्योग का दर्जा और सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने से डेवलपर्स को कम ब्याज दरों पर लोन प्राप्त करने और कर प्रोत्साहनों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। ये कदम क्षेत्र को काफी बढ़ावा देंगे और आगे के विकास को प्रोत्साहित करेंगे।रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार उद्योग का दर्जा और सिंगल विंडो क्लियरेंस की उसकी लंबे समय से लंबित मांगों पर गौर करेगी। विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती मांग के साथ यह सेक्टर बेहतर कर रहा है। सरकार को विदेशी और घरेलू निवेश को आकर्षित करने और बढ़ाने के लिए नीतिगत सुधार लाने पर विचार करना चाहिए। इससे क्षेत्र की वृद्धि को बहुत लाभ होगा और देश के समग्र आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। इसके अलावा, टैक्स में संशोधन भी उन महत्वपूर्ण कारकों में से एक होगा जिस पर सरकार को आगामी बजट में विचार करना चाहिए क्योंकि यह पहली बार घर खरीदने वाले लाखों को प्रोत्साहित करेगा।
लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन, संदीप छिल्लर
हम बजट 2024 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि रियल एस्टेट सेक्टर को कुछ बड़े सुधारों की उम्मीद है जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे। हम उम्मीद कर रहे हैं कि होमबॉयर्स और निवेशकों को टैक्स लाभ मिलें, जैसे कि होम लोन के ब्याज भुगतान पर कटौती की सीमा बढ़ाना और निर्माणाधीन संपत्तियों पर जीएसटी कम करना, जिससे हाउसिंग की मांग बढ़ सकती है। परियोजना अनुमोदनों की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाना भी जरूरी है ताकि प्रगति बनी रहे। हम उन नीतियों के बारे में उत्साहित हैं जो न केवल सतत विकास को बढ़ावा देंगी बल्कि उद्योग की चुनौतियों का भी समाधान करेंगी, जिससे संबंधित क्षेत्रों में अधिक नौकरी के अवसर पैदा होंगे। कुल मिलाकर, हम उम्मीद करते हैं कि आगामी बजट में ऐसी नीतियाँ होंगी जो सतत विकास को बढ़ावा दें और उद्योग की प्रमुख चुनौतियों का समाधान करें।
श्री विकास भसीन, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर - साया ग्रुप
एक रियल एस्टेट विशेषज्ञ के रूप में, मैं आगामी भारतीय केंद्रीय बजट में कई प्रमुख उपायों की उम्मीद करता हूं जो इस क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए बढ़ा हुआ बजट आवंटन, विस्तारित PMAY लाभ और घर खरीदने वालों के लिए बढ़े हुए कर लाभ मांग को बढ़ावा दे सकते हैं। पहली बार खरीदारों के लिए अधिक कर राहत, गृह ऋण ब्याज पर बढ़ी हुई कटौती और अतिरिक्त धारा 80EEA प्रोत्साहन निवेश को प्रोत्साहित करेंगे। निर्माणाधीन संपत्तियों के लिए GST दरों को कम करने से लागत कम होगी और बिक्री बढ़ेगी।
मोहित मित्तल, मोर्स टेक्नो के सीईओ
एजुकेशन सेक्टर को हैं अधिक उम्मीद
यह भी पढ़ें- 7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, इस राज्य ने खोला खजाना, 27.5 फीसदी बढ़ेगी सैलरीवहीं क्रैक एकेडमी के फाउंडर और सीईओ नीरज कंसल ने कहा कि देश को शिक्षा में वैश्विक स्तर पर सुधार लाने के लिए मानव संसाधनों में निवेश और पूंजी व्यय को एकसाथ लाने की आवश्यकता है। आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 में, हमें उम्मीद है कि सरकार शिक्षा बजट को 13% से अधिक बढ़ाएगी, जिससे शैक्षिक ढांचा मजबूत होगा। इसके साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के बीच सहयोग के लिए वित्तीय सहायता को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।अगर आर्थिक परिस्थितियाँ अनुकूल रहती हैं और सरकार शिक्षा को प्राथमिकता देती है, तो हम 13% से अधिक की वृद्धि देख सकते हैं। यह शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर समर्थन और शैक्षिक ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाता है। इससे स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में बुनियादी ढांचे के विकास, तकनीकी एकीकरण और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए विभागानुसार धन का प्रबंध करना संभव होगा।
डीपीएस इंदिरापुरम की प्रिंसिपल प्रिया जॉन
आगामी बजट में स्वास्थ्य देखभाल के लिए जीडीपी का 2.5 से 3.5 फीसदी आवंटित करने का लक्ष्य होना चाहिए।व्यावसायिक शिक्षा सेक्टर को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अधिक धन, स्किल डेवेलप्मेंट प्रोग्राम में वृद्धि और इंडस्ट्रियल अकादमिया कोलैबोरेशन के लिए प्रोत्साहन की उम्मीद है। शिक्षा को अधिक सुलभ और किफायती बनाने तथा भविष्य के लिए कुशल कार्यबल को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता की आशा भी है। उम्मीद है आने वाले बजट में शिक्षा का विशेष ध्यान रखा जायेगा।
सैय्यद मसूद , एमडी हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड कम्युनिकेशन का कहना है
इसके आगे डॉ. पीएन अरोड़ा कहते हैं कि भारत दुनिया भर में मरीजों की सेवा करने में सक्षम स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का दावा करता है। आगामी बजट में स्वास्थ्य देखभाल के लिए जीडीपी का 2.5 से 3.5 फीसदी आवंटित करने का लक्ष्य होना चाहिए, जिससे हम सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की ओर बढ़ सकें और जीएसटी में हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके किफायती उपकरणों पर ध्यान केंद्रित करने और आवश्यक सेवाओं को छूट देने से सुलभ स्वास्थ्य देखभाल और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा, विशेष रूप से जीएसटी सुधारों के माध्यम से कराधान में निष्पक्षता सुनिश्चित करना इस उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।यह भी पढ़ें- SIP vs PPF: निवेश के लिए बेहतर ऑप्शन क्या है?, यहां समझें पूरा गणितबजट युवाओं, किसानों और हमारे राष्ट्र को दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैं प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री से आगामी बजट में भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बढ़ाने को प्राथमिकता देने का आग्रह करता हूं। आयुष्मान भारत या व्यापक बीमा कवरेज जैसी पहल के माध्यम से, प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच होनी चाहिए।
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी चेयरमैन डॉ. पीएन अरोड़ा