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Interim Budget 2024: इस साल जारी होगा Vote On Account, जानिए यूनियन बजट से कितना अलग है ये

Budget 2024 आज मोदी सरकार अपना आखिरी बजट पेश करने वाली है। आज वोट ऑन अकाउंट पेश किया जाएगा। ऐसे में सवाल आता है कि आखिर वोट ऑन अकाउंट (Vote On Account) में क्या है? यह अंतरिम बजट (Interim Budget) से कितना अलग है। बता दें कि इस साल चुनाव के बाद यूनियन बजट (Union Budget) पेश किया जाएगा। आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 04 Jan 2024 08:50 AM (IST)
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इस साल जारी होगा Vote On Account,
 बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Budget 2024: जिस प्रकार खुद को फाइनेंशियली तौर पर स्टेबल रखने के लिए हम खुद का बजट बनाते हैं, ठीक इसी प्रकार सरकार भी हर वित्त वर्ष शुरू होने से पहले बजट पेश करती है।

इस बजट में सरकार वित्त वर्ष के कार्यों का विवरण देती है। 1 फरवरी को देश के वित्त मंत्री द्वारा यह पेश किया जाता है। इस बजट में सरकार बताती है कि वह पूरे साल में किस सेक्टर में कितना खर्च करेगी।

सरकार यूनियन बजट (Union Budget) पेश करती है। इस साल मोदी सरकार द्वारा आखिरी बजट पेश किया जाएगा। यह वोट ऑन अकाउंट (Vote On Account) होगा। ऐसे में सवाल आता है कि आखिर वोट ऑन अकाउंट क्या होता है और उसे कब लाया जाता है।

वोट ऑन अकाउंट क्या है?

कोई भी बजट एक पूरे वित्त वर्ष के लिए जारी किया जाता है, लेकिन इस साल देश में लोक सभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस साल केंद्र सरकार बदल सकती है। अभी केंद्र में बीजेपी का शासन चल रहा है। इस साल लोकसभा के चुनाव के बाद दूसरी पार्टी या फिर से बीजेपी का शासन आ सकता है।

अब जो बजट पूरे वित्त वर्ष के लिए जारी किया जाता है उसे यूनियन बजट कहा जाता है। वहीं, अगर कोई बजट एक निश्चित समयअवधि के लिए पेश किया जाता है उसे अंतरिम बजट (Interim Budget) कहते हैं।

वित्त मंत्री ने पहले ही जानकारी दे दी थी कि इस बार वोट ऑन अकाउंट पेश किया जाएगा। इस बजट में सरकार आगामी वित्त वर्ष के कुछ महीनों की फाइनेंशियल खर्चों के बारे में बताती है।  

वोट ऑन अकाउंट कब आता है

जब भी देश में लोक सभा चुनाव होने वाले होते हैं तो ऐसे में मौजूदा सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। अंतरिम बजट का एक पार्ट वोट ऑन अकाउंट है। इसमें सरकार अपने खर्चों विवरण देती हैं। वह बताती है कि उन्हें कितनी राशि की जरूरत है।

वह इन राशि का इस्तेमाल कहां करेंगे यह सब जानकारी दी जाती है। इसे पहले सांसद में पेश किया जाता है फिर इस अप्रूव किया जाता है। इस अप्रूवल के बाद ही सरकार को यह बजट मिलता है।

वोट ऑन अकाउंट के बारे में संविधान में भी दिया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 116 के अनुसार लेखानुदान, साख मत और असाधारण अनुदान की अनुमति देता है। वहीं, अनुच्छेद 115 में अनुपूरक, अतिरिक्त या अतिरिक्त अनुदान की अनुमति देता है।

यूनियन बजट से कितना अलग है वोट ऑन अकाउंट

वोट ऑन अकाउंट को कुछ महीने के लिए तैयार किया जाता है। यानी जितने महीनें तक केंद्र सरकार में बेजीपी का शासन रहेगा उतने समय तक के लिए यह पेश किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार खर्चों के साथ इनकम का ब्यौरा भी पेश करेगी।

इसमें खर्च, राजस्व, राजकोषीय घाटा, फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को लेकर अनुमान जताया जाता है। इन वजह से यह यूनियन बजट से अलग होती है।

यूनियन बजट और वोट ऑन अकाउंट के बीच एक समानता है कि इन दोनो में सरकार अपने नीतिगत फैसलों के बारे में बताती है।