Stock Market Investment: क्या कहानियों पर भरोसा करके निवेश करते हैं आप? समझ लें वैल्यू इन्वेस्टिंग के कायदे
एक निवेश के चुनाव का पूरा आकलन और विश्लेषण होने के बाद आपको ये सोचना ही होगा कि जो लागत आप अदा कर रहे हैं वो आगे जा कर मुनाफे में बदलेगी या नहीं। निवेश के दाम पर ही फोकस बनाए रखना वैल्यू इन्वेस्टिंग है।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Sun, 16 Oct 2022 06:16 PM (IST)
धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। इंटरनेट मीडिया समेत तमाम प्लेटफार्म पर शेयर निवेश सलाह देने वालों की भरमार है। इन लोगों ने अपनी सहूलियत के अनुसार नए-नए निवेश टर्म बनाएं हैं और इनके छोटे प्रारुपों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। हालांकि, यह कोई नए निवेश टर्म नहीं है बल्कि इन्हें पुराने नियमों को ही तोड़-मरोड़कर तैयार किया गया है।
BAAP, SAAP, HODL शायद ऐसे कई और कांसेप्ट भी होंगे जिनके बारे में मैंने नहीं सुना हो। अधिकांश पाठक भी इन्हें नहीं समझते होंगे। BAAP है buy at any price यानी किसी भी कीमत पर खरीदो। SAAP है sell any price यानी किसी भी कीमत पर बेचो। HODL है hold on for Dear Life यानी जान बचाने के लिए थामे रहो। अगर तलाशेंगे तो ऐसे शब्दों का पूरा चिडि़याघर आपको मिल जाएगा। कई तरह-तरह के नए टर्म ट्विटर पर हैं। मगर किसी ने इनका मतलब समझाने की जहमत नहीं उठाई। शायद इसीलिए ये सब सिर्फ कुछ लोगों की गढ़ी हुई बकवास ही होगी।
नए शब्दों के नए मायने
क्या आपने नोटिस किया कि BAAP, SAAP और HODL की ये तिकड़ी असल में निवेशकों के लिए नया विकल्प नहीं है। इन तीन नए टर्म्स के बीच, आपके पास अपना पुराना जाना-पहचाना वर्जन Buy, Hold, Sell भी मौजूद है। इन दोनों में केवल एक बड़ा फर्क हो कि पुराने Buy-Sell-Hold और नए BAAP-SAAP-HODL के बीच फैसलों पर कितना सोच-विचार करना है। एक निवेशक के तौर पर हम Buy-Sell-Hold का विकल्प सोच-समझ कर और सावधानी से फैसले लेने में करते हैं।इन फैसलों का आधार कई सवाल होते हैं जैसे- क्या अब भी ये निवेश अच्छा है? क्या भविष्य में लाभ कमाने की अच्छी संभावना है? क्या और निवेश करना लाभदायक रहेगा? होल्ड करने और न बेचने का तर्क क्या है? उसके ठीक उलट, इस नई त्रिवेणी BAAP-SAAP-HODL में सोचने का कोई टाइम नहीं है। किसी भी दाम पर बस अंजाम दीजिए, फिर चाहे जो हो।
विश्लेषण या सोचने-विचारने के पुराने फैशन की कोई जरूरत ही नहीं है। इस नए परिवर्तन का सबसे अहम पहलू इस बात से चिंतामुक्त हो जाना है कि आप अपने निवेश का क्या मूल्य अदा कर रहे हैं। जिसने भी, असल में लंबे समय का निवेश किया है और उन्हें निवेश के खराब और अच्छे दौर का अनुभव है। जिन्हें असल में कोई अनुभव मिला है, उनके लिए इस फलसफे में विश्वास करना अजीब है।
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निवेश के कुछ आसान नियम
असल निवेश में लोग अक्सर इतने उत्साहित हो जाते हैं कि वो दाम नजरअंदाज कर बैठते हैं। किसी-न-किसी मौके पर हम सभी ने ये किया है। हालांकि, हम जानते रहे हैं कि ये एक गलती है। ऐसा नहीं करना चाहिए। दाम या प्राइस नजरअंदाज करने को, निवेश का एक सिद्धांत बना देना, एक विद्रूपता है। जिसे निवेश कहते हैं, वो पूरी तरह से और फिर कहता हूं, पूरी तरह से खरीदने और कीमत बढ़ जाने पर बेच देने का नाम है। निवेश के दाम पर ही फोकस बनाए रखना 'वैल्यू इन्वेस्टिंग है, और आज ग्रोथ और वैलुएशन के दौर में ये दिवंगत हो गई है, ये बात सच से कोसों दूर है। जैसा कि चार्ली मंगर ने एक बार कहा था, 'सारी अच्छी इन्वेस्टिंग वैल्यू इन्वेस्टिंगहै।' ये व्याख्या, सबसे सरल और व्यापक है कि किसी चीज को उसके अंतर्निहित मूल्य से कम में खरीदना ही वैल्यू इन्वेस्टिंग है।किसी भी कीमत पर खरीदने का विकल्प
अगर आप पैसा बनाना चाहते हैं, तो उसका तरीका यही है। BAAP-SAAP-HODL को अगर इस फ्रेमवर्क में देखें तो इन पर इतना फोकस चकरा देने वाला है। हालांकि, इसके कुछ और कारण हैं। क्रिप्टो की दुनिया ने काफी वक्त तक इस बेवकू्फाना निवेश के तरीके को सैद्धांतिक तौर पर मजबूती दी। लोगों ने फ्राड करेंसियां बनाईं जिनका असल दुनिया में कोई आधार ही नहीं है और उसे बेचने को सही ठहराया गया क्योंकि उन्होंने, भविष्य की करेंसी के नाम पर ये बेमतलब चीज ईजाद कर दी। ये सबकुछ, बेकार की सिक्युरिटीज बेचने वालों के लिए तो काम कर गया है, मगर इसने उनके लिए उतना काम नहीं किया है जिन्होंने इन कहानियों पर भरोसा किया और निवेश किया है। ऐसी बातों के चक्कर में मत आइए। कोई भी चीज 'किसी भी कीमत पर' खरीदने लायक नहीं होती।(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)ये भी पढ़ें- PM Kisan 12th Installment: किसानों को दिवाली का तोहफा, प्रधानमंत्री कल जारी करेंगे पीएम किसान की 12वीं किस्तInflation: दूध के दाम से लेकर लोन की ईएमआई तक सब कुछ महंगा, एक महीने में कितनी बढ़ीं कीमतें