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इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर और KRA की बदौलत रिकॉर्ड संख्‍या में पिछले साल खुले खाते, जानें इनका महत्‍व

हाल के दौर में महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान कई संस्थाओं ने अपने ऑनलाइन खाता खोलने वाले पोर्टलों के साथ ई-साइन सुविधा को एकीकृत करके खाता खोलने की प्रक्रिया को और आसान बनाया। वास्तव में पिछले वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड संख्या में खाते खोले गए।

By Manish MishraEdited By: Updated: Tue, 15 Feb 2022 03:12 PM (IST)
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Importance of E-sign, KRA towards building a robust ecosystem (Pic Credit- Unsplash)

नई दिल्‍ली, सुनील अलवरेस। हाल के दिनों में, इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर (जिसे ‘ईसाइन’ के रूप में भी जाना जाता है) की लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई है, क्योंकि इसका उपयोग पूंजी बाजार में ऑनलाइन खाता खोलने और अन्य दिन-प्रतिदिन के लेनदेन में किया जाने लगा है। किसी व्यक्ति का ई-साइन उनकी पहचान से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हो सकता है और ई-साइन प्रणाली हमारे जीवन में जो सहजता और सुरक्षा लाई है, उससे कोई इनकार नहीं कर सकता। हाल ही में हुए संपूर्ण डिजिटल बदलाव ने पूरे इकोसिस्टम में ई-साइन के उपयोग को और आसान बना दिया है।

ई-साइन की अवधारणा को भारत में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के माध्यम से पेश किया गया था। लेकिन हाल ही में यह इतनी तेजी से विकसित हुआ है कि इसके जरिये ऑनलाइन लेनदेन का सिस्टम पूरी तरह बदलने की संभावना है। कोई भी आसानी से ई-हस्ताक्षर से संबंधित अनेक फायदों का जिक्र कर सकता है। जाहिर है कि रिकॉर्ड प्रबंधन की दक्षता को सुविधाजनक बनाकर ई-साइन हमारे जीवन को आसान बनाने पर केंद्रित है।

इन दिनों ऑनलाइन लेनदेन के लिए अद्वितीय और मजबूत सुरक्षा की आवश्यकता होती है, जो मुख्य रूप से ई-साइन द्वारा ही प्रदान की जाती है। आइए एक ऐसे परिदृश्य पर विचार करें, जहां मिस्टर एक्स को मिस्टर वाई के भौतिक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर की आवश्यकता है। अब ऐसे मामले में मिस्टर एक्स, जिसे दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर की जल्दी है, उसे मिस्टर वाई के आने का इंतजार करना होगा, ताकि वह आए और उस विशेष दस्तावेज पर हस्ताक्षर करे। अब ई-साइन की सुविधा के साथ, मिस्टर एक्स आसानी से मिस्टर वाई से विधिवत हस्ताक्षरित इन दस्तावेजों को ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं, अन्यथा मिस्टर वाई द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित दस्तावेजों को प्राप्त करने में कुछ दिन लगते। रोजमर्रा के जीवन में ई-साइन को अपनाने से कम समय लगता है, क्योंकि दस्तावेज़ पर तुरंत ऑनलाइन हस्ताक्षर किए जाते हैं। जो कार्य अन्यथा बहुत कठिन लगता था, उसे अब ई-साइन का उपयोग करके आसान और सुविधाजनक बना दिया गया है। इस प्रकार, समय बचाने के अलावा, ई-साइन में लागत भी बहुत कम आती है।

इसके अलावा, चूंकि इसमें कोई कागजी कार्रवाई शामिल नहीं है, इसलिए किसी को कागज, स्याही और अन्य सामान पर बिलकुल खर्च नहीं करना पड़ता है। हालाँकि लागत में यह कटौती एक व्यक्ति के लिए महत्वहीन हो सकती है, लेकिन यह बड़े उद्यमों के लिए विशेष रूप से व्यवसायों/लेनदेन के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण फर्क पैदा करती है, जहां बड़े पैमाने पर कागजी कार्रवाई शामिल होती है। इसके अलावा, यह यात्रा करने की आवश्यकता को भी कम करता है और संबंधित खर्चों की बचत करता है क्योंकि इसमें भौतिक रूप से उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है। यहां तक कि बैंकों जैसे संस्थानों ने भी कागज के उपयोग, सुविधा और समग्र लागत को कम करने की खूबियों के कारण ई-साइन को अपनाया है। बड़े संगठन भी ई-साइन को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह प्रिंटिंग, स्कैनिंग और कूरियर की लागत को समाप्त करता है।

ऑनलाइन ई-साइन का लाभ उठाने के लिए कोई भी अपनी आधार आईडी और आधार पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग करके आसानी से सेवाओं का लाभ उठा सकता है। इस प्रकार, किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ों को आधार आधारित ई-साइन का उपयोग करके अपनी पसंद के स्थान और समय से इलेक्ट्रॉनिक रूप से हस्ताक्षरित किया जा सकता है। इसके अलावा, आईटी अधिनियम के अनुसार, जो दस्तावेज दिए गए हैं वे कानूनी रूप से वैध भी माने जाते हैं और जरूरत पड़ने पर अदालत में पेश किए जा सकते हैं।

आम तौर पर निवेशकों को अपने केवाईसी डॉक्यूमेंट अनेक संस्थाओं के पास जमा कराने होते हैं, इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2011 में केवाईसी पंजीकरण एजेंसी नियम पेश किए।

केआरए के सभी कार्य इसमें सभी हितधारकों के लाभ के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण की दिशा में हैं। इसके कुछ प्राथमिक कार्यों में पूरी तरह से डिजिटल केवाईसी रिकॉर्ड प्रदान करना भी शामिल है, जिससे ऑनलाइन केवाईसी और प्रतिभूति बाजार में खाता खोलने की सुविधा मिल जाती है। वर्तमान में भारत में 5 पंजीकृत केआरए हैं जो इंटरऑपरेबल हैं। कोई भी ग्राहक जो सेबी पंजीकृत मध्यस्थ के साथ खाता खोलने का इच्छुक है, उसे अपने केवाईसी विवरण जमा करना अनिवार्य है, जो कि केवाईसी पंजीकरण फॉर्म को उनके पैन कार्ड और पते के प्रमाण की एक प्रति के साथ जमा करके आसानी से किया जा सकता है।

मध्यस्थ तब प्रारंभिक केवाईसी सत्यापन करेगा और फिर बाद में केआरए सिस्टम पर विवरण अपलोड करेगा। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि एक ग्राहक के संबंध में सभी केवाईसी जानकारी एक ही ग्राहक के साथ व्यवहार करते समय सेबी पंजीकृत सभी मध्यस्थों द्वारा प्राप्त की जा सकती है, जिससे उपयोग की आसानी और सुविधा की सुविधा मिलती है। इसके परिणामस्वरूप, एक बार जब कोई ग्राहक सेबी पंजीकृत मध्यस्थ के साथ केवाईसी कर लेता है, तो ग्राहक को फिर से किसी अन्य मध्यस्थ के साथ उसी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता है, जिससे पूरे इकोसिस्टम की दक्षता और सुविधा में वृद्धि होती है। हाल के दौर में महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान कई संस्थाओं ने अपने ऑनलाइन खाता खोलने वाले पोर्टलों के साथ ई-साइन सुविधा को एकीकृत करके खाता खोलने की प्रक्रिया को और आसान बनाया। वास्तव में, पिछले वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड संख्या में खाते खोले गए। यह भारतीय पूंजी बाजारों के भविष्य के लिए शुभ संकेत है क्योंकि यह पूंजी बाजारों में निवेशकों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करेगा, साथ ही उन्हें अपने घरों या कार्यालयों की सुरक्षा और आराम से कामकाज को संचालित करने की सुविधा भी प्रदान करेगा।

(लेखक सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ है। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)