Demolition of Twin Towers: क्या ट्विन टॉवर ध्वस्त किए जाने से डेवलपर्स को मिलेगा सबक, Experts ने दिए ये जवाब
रियल स्टेट सेक्टर में व्याप्त इस तरह की बुराइयों से पूरा क्षेत्र बदनाम हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा कब तक चलेगा। इस कार्रवाई से रियल स्टेट सेक्टर को क्या मिला सबक जानें विशेषज्ञों की राय...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 28 Aug 2022 06:06 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। नोएडा के सेक्टर 93ए में रविवार को सुपरटेक के ट्विन टॉवर ध्वस्त कर दिए गए। गौर करने वाली बात यह कि दिल्ली एनसीआर का प्रापर्टी मार्केट रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने में डेवलपरों की ओर से की जा रही चूक के चलते बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। रियल स्टेट सेक्टर में व्याप्त इस तरह की बुराइयों से पूरा क्षेत्र बदनाम हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा कब तक चलेगा। इस कार्रवाई से रियल स्टेट सेक्टर को क्या मिला सबक जानें विशेषज्ञों की राय...
रियल एस्टेट के खिलाड़ियों को कड़ा सबक
उद्योग जगत के Experts का कहना है कि इस कार्रवाई से रियल एस्टेट के खिलाड़ियों को कड़ा सबक मिलेगा कि भवन नियमों का उल्लंघन होने पर देर-सबेर ही सही उनकी जवाबदेही सुनिश्चित जरूर की जाएगी। रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून, 2016 के तहत राज्य नियामक प्राधिकरणों को सशक्त बनाया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ता हितों की रक्षा की जा सके। साथ ही नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके।
यह फैसला नए भारत का प्रतीक
रियल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई (CREDAI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष वर्धन पटोदिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उस नए भारत का प्रतीक है जिसमें हम रह रहे हैं। हम इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के साथ हैं। यह फैसला शासन और कानून का पालन सुनिश्चित कराने वाला है। जो भी डेवलपर दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हैं उनको इस कार्रवाई याद रखना चाहिए।
तो जरूर तय की जाएगी डेवलपर्स की जवाबदेही
वहीं संपत्ति सलाहकार अनुज पुरी कहते हैं कि यह कार्रवाई रियल एस्टेट सेक्टर के सभी हितधारकों के लिए एक सबक है। सुप्रीम कोई ने इस फैसले के जरिए कठोरता के साथ बता दिया है कि यदि नियमों और बायर्स के साथ किए गए वादों की अनदेखी की गई तो डेवलपर्स की जवाबदेही जरूर तय की जाएगी।