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Mutual Funds और Equity में निवेश को लेकर कैसी हो आपकी योजना, जानें एक्सपर्ट की राय

How To Plan For Investment In Mutual Funds Equity अगर आप म्यूचुअल फंड और इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं लेकिन इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि आपकी निवेश योजना कैसी होनी चाहिए तो यह लेख आपकी के इस कंफ्यूजन को दूर कर सकता है।

By Lakshya KumarEdited By: Updated: Tue, 15 Feb 2022 09:41 AM (IST)
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Mutual Funds और Equity में कैसे करें निवेश? ये हैं एक्सपर्ट की टिप्स
नई दिल्ली, श्रीनाथ एमएल। केंद्रीय बजट 2022 को पेश हुए कुछ दिन ही हुए हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि यह बजट पूंजीगत व्यय पर अधिक खर्च के साथ निवेश-आधारित विकास पर केंद्रित है। आमतौर पर, हर बजट के बाद थोड़ा शोर होता है कि कहां निवेश करें या अपने मौजूदा निवेश में क्या जरूरी बदलाव करें। ऐसे में यह याद रखना महत्वपूर्ण होता है कि निवेश के लिए हमारा दृष्टिकोण हमेशा हमारे व्यक्तिगत लक्ष्यों और परिसंपत्ति वर्ग के हमारे दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर आधारित होना चाहिए। केंद्रीय बजट केवल अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों का एक संकेत देता है। हमारे पूरे निवेश निर्णयों को बजट पर आधारित करने से हमारी पोर्टफोलियो रणनीति केवल जोखिम में जाएगी। इसलिए, परिसंपत्ति आवंटन आपका शुरुआती बिंदु होना चाहिए।

परिसंपत्ति आवंटन का फैसला करें

परिसंपत्ति आवंटन का निर्णय लेते समय मोटे तौर पर दो बातों पर विचार करना चाहिए। सबसे पहले, आपको अपने निवेश की समय सीमा तय करनी होगी। आपकी समय सीमा जितनी लंबी होगी, आपका आवंटन इक्विटी में उतना ही अधिक हो सकता है। फिर आपको अधिकतम अस्थायी गिरावट का पता लगाना होगा, जिसे आप अपने इक्विटी पोर्टफोलियो में जगह दे सकते हैं। याद रखें, लगभग हर साल 10-20% की गिरावट होती है और 30-60% की बड़ी गिरावट हर 7 से 10 साल में होती है।

यदि आप उच्च अस्थायी गिरावट को संभाल सकते हैं, तो आपका इक्विटी आवंटन अधिक हो सकता है। यदि नहीं, तो इक्विटी आवंटन कम होना चाहिए और उसी के अनुसार आपके पोर्टफोलियो रिटर्न की उम्मीद भी कम होनी चाहिए। इस ट्रेड-ऑफ (दो विपरीत स्थितियों के बीच संतुलन बनाना) के आधार पर, आप इक्विटी और फिक्स्ड इनकम (निश्चित आय) के बीच अपने आदर्श परिसंपत्ति आवंटन पर पहुंच सकते हैं।

इक्विटी निवेश को स्थापित करें

हम 5-7 साल की समय सीमा में भारतीय इक्विटी को लेकर सकारात्मक बने हुए हैं। यह दृष्टिकोण अगले कुछ वर्षों में एक मजबूत आय वृद्धि के माहौल के लिए हमारी अपेक्षाओं से प्रेरित है। केंद्रीय बजट ने विकास को सबसे आगे रखा है और यह उपरोक्त दृष्टिकोण को और अधिक विश्वास दिलाता है। वित्त वर्ष 23 के लिए निर्धारित उच्च पूंजीगत व्यय की वजह से गुणक प्रभाव (कई क्षेत्रों पर पड़ने वाला प्रभाव) आने वाले वर्षों में आय वृद्धि का समर्थन कर सकते हैं, जो इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक है।

इक्विटी निवेश कैसे करें?

हम इक्विटी हिस्से (मूल संपत्ति आवंटन के अनुसार) में निवेश करने के लिए एक विविध दृष्टिकोण पसंद करते हैं। यह पांच अलग-अलग शैलियों - गुणवत्ता, जीएआरपी (उचित मूल्य पर विकास), मूल्य, मिड और स्मॉल व ग्लोबल फंड्स में समान रूप से निवेश कर हासिल किया जा सकता है। यह समग्र दृष्टिकोण आपको काफी कम अस्थिरता के साथ 5 से अधिक वर्ष की अवधि में बेहतर प्रदर्शन प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

अपने निश्चित आय निवेश को तय करना

बजट से पहले भी, हम बढ़ते यील्ड (प्रतिफल) के माहौल में थे। दर में कटौती का चक्र हमारे पीछे था और हमें उम्मीद थी कि अगले 12-18 महीनों में यील्ड में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी। अब, बजट में राजकोषीय घाटा (जीडीपी का 6.4%) और शुद्ध बाजार उधारी (11 ट्रिलियन रुपये) का आंकड़ा वित्त वर्ष 23 के लिए बॉन्ड बाजारों की अपेक्षा बहुत अधिक हो गया है।

इसलिए, उच्च मुद्रास्फीति, सरकारी बॉन्ड्स की उच्च आपूर्ति और वैश्विक स्तर पर प्रचलित ढीली मौद्रिक नीति से बाहर निकलने की पृष्ठभूमि में बॉन्ड बाजार अल्पावधि में अस्थिर रह सकते हैं।

निश्चित आय निवेश कैसे करें?

हम उच्च क्रेडिट गुणवत्ता वाले फंड को पसंद करते हैं, जिसमें कम संशोधित अवधि (एक साल या उससे कम) के साथ पोर्टफोलियो का कम से कम 80% एएए-रेटेड पेपर में निवेश किया जाना चाहिए। इस तरह के फंड 'बढ़ते यील्ड' के माहौल के लिए बेहतर अनुकूल होते हैं, क्योंकि जब यील्ड में इजाफा होता है, तो वे कम अस्थिर होते हैं। वे जल्दी से उच्च यील्ड पर रीसेट हो जाते हैं, जिससे संभावित रिटर्न में वृद्धि होती है।

(लेखक FundsIndia के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट हैं और यह उनके निजी विचार हैं।)