Share Market Tips: इन शेयरों में निवेश कर पा सकते हैं 1,000 फीसद से अधिक का रिटर्न, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Share Market Tips जनवरी 2021 से हम सेबी के नए हुक्म को प्रभावी होते देखेंगे जो कि स्मॉल और मिड कैप्स में 25 फीसद अनिवार्य निवेश है। PC Pexels
By Pawan JayaswalEdited By: Updated: Mon, 21 Sep 2020 10:07 AM (IST)
नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। इस हफ्ते निफ्टी एक बड़ी गिरावट या बड़ी तेजी को ठेंगा दिखानी वाली रेंज में चला गया है। हालांकि, निफ्टी की यह रेंज बाजार समेकन की ओर इशारा करती है और आने वाले दिनों में तेजी से बढ़त दिखाने के लिए तैयार है। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि भारत चीन सीमा तनाव और पहली तिमाही के बेहद कमजोर आर्थिक आकड़ों के बाद भी बाजार में गिरावट नहीं हुई, जिसके बारे में हमने पिछली रिपोर्ट्स में चर्चा की थी। वास्तव में, बाजार 11,200 के निम्न स्तर से उठकर 11,613 पर आ गया है। 11,613 के स्तर के बाद अब बाजार के लिए एकमात्र अवरोध पिछला उच्च स्तर 12,400 ही है, जो हमें निश्चित रूप से देखने को मिलेगा।
हमारा मानना है कि ARPU में 100 रुपये की बढ़ोतरी का मतलब कंपनी के लिए 36,000 करोड़ रुपये का नया राजस्व है। जिस क्षेत्र में यूएस टेक कंपनियों ने बड़ी रुचि दिखाई है, वह इस तथ्य से दिखाई देता है कि जियो ने कंपनी में 20 फीसद हिस्सेदारी 1.5 लाख करोड़ से अधिक में बेची है। इससे यह 7.5 लाख करोड़ की कंपनी हो गई है। वहीं, भारती एयरटेल का मार्केट कैप तीन लाख करोड़ रुपये से कम है, जबकि वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का मार्केट कैप केवल 32,385 करोड़ रुपये है। बहुत जल्द ही यह फ्री कैश फ्लो (FCF) जेनरेटिंग कंपनी होगी।
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ऑटो और ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां कई कारणों से लाइमलाइट में आ रही हैं। हम 5000 के स्तर से MARUTI की सिफारिश कर रहे थे और सुझाव दिया था कि यह बहुत जल्द 8000 को पार कर जाएगा। टाटा मोटर्स (TATA MOTORS) का भी यही हाल था। हमारे दृढ़ विश्वास के कारणों में एक जनवरी-फरवरी 2020 में डीलरों के साथ वितरण का बड़ा समायोजन था। साथ ही अच्छा मानसून, ग्रामीण आय, त्योहारी सीजन, जीएसटी में संभावित कटौती और INCOME TAX ACT के तहत मूल्यह्रास लाभ भी हमारे दृढ़ विश्वास के कारणों में शामिल थे।
अब डीलरों की मांग में अचानक तेजी आई है, क्योंकि उन्होंने पुरानी इन्वेंट्री को निकाल दिया है और अब कंपनियां एक बार फिर उत्पादन बढ़ाने को तैयार हो गई हैं। वास्तव में, भारी वाणिज्यिक वाहनों (HCV) मुख्य रूप से टाटा मोटर्स व अशोक लेलैंड के लिए भारी मात्रा में निर्यात ऑर्डर मिल रहे हैं। ऑटो व ऑटो पार्ट्स कंपनियों के शेयरों में इसलिए तेजी से गिरावट आई, क्योंकि लग रहा था कि अगले 12 महीनों तक कोई उत्पादन नहीं होगा, लेकिन हमको विश्वास था कि एक बार उत्पादन शुरू होने के बाद इनके शेयरों में उछाल आएगा और ऐसा हुआ।
यहां राकेश झुनझुनवाला के उद्धरण को दोहराना काफी दिलचस्प होगा। यह है, "अगर बाजार जीडीपी में तत्काल वृद्धि और गिरावट के अनुसार प्रतिक्रिया करता है, तो अर्थशास्त्री दुनिया में सबसे अमीर लोग होंगे।" मौजूदा समय इस बात को प्रमाणित करता है। बाजार काफी आगे की सोचकर चलता है। CNI की सफलता के मायने यही हैं कि हम हमेशा परिस्थितियों के खिलाफ सोचते हैं और क्रिया व प्रतिक्रिया के प्रभावों को समझते हैं।
रूस वैक्सीन की लॉन्चिंग से बहुत दूर नहीं है, जबकि अमेरिका ने भी दावा किया है कि वैक्सीन ओटीसी द्वारा लगाया जाएगा। भारत का दावा है कि जनवरी 2021 तक वैक्सीन आ सकती है। जो भी वैक्सीन पहले लॉन्च करे, लेकिन वैक्सीन मार्च 2021 से पहले आम नागरिक के पास नहीं पहुंचने वाली है। इसलिए अगले महीने आप इसी तरह काम करेंगे और बाजार के मिजाज में कोई बदलाव नहीं आएगा।हम वैक्सीन के साथ क्यों जुड़े हैं और बाजार को समझना महत्वपूर्ण है। कई सारे लोग मानते हैं कि अमेरिका में चुनावों के बाद बाजार क्रेश होगा और क्यूई प्रोग्राम चुनावों के बाद समाप्त होगा। हम मानते हैं कि ऐसा नहीं है। अमेरिका ने 13 लाख करोड़ डॉलर क्यूई का एक बिल पारित किया है और हमने अब तक इसका 20 फीसद भी खर्च होता नहीं देखा है। इसका मतलब है कि इसका एक बड़ा भाग बाजार में आना बाकी है।
अब वैक्सीन का इससे संबंध है। तब तक वैक्सीन बड़े पैमाने पर जनता तक नहीं पहुंचेगी, क्यूई बंद नहीं होगा। इसका अमेरिकी चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यहां तक कि अगर नए राष्ट्रपति भी आते हैं, तो उन्हें यही नीति अपनानी होगी और फेड बॉन्ड खरीदना जारी रख सकता है। अभी हमने तीन लाख करोड़ डॉलर खर्च के साथ DOW को 18,000 से 28,000 तक बढ़ते देखा है। और यही सह-संबंध बचे हुए 10 लाख करोड़ डॉलर के खर्च के साथ बनेगा।
DOW को इस दौरान 40,000 व 50,000 को पार कर 80,000 तक जाना होगा। जब वैक्सीन आ जाएगी और खर्च 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा, तो अर्थव्यवस्था वित्तीय रूप से मजबूत होगी। यहां आपको ध्यान रखना चाहिए कि अमेरिका LEHMAN के बाद ऊर्ध्वाधर पतन की कगार पर था और केवल 800 अरब डॉलर ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को जीवन प्रादन किया, जो अगले 12 सालों तक चला। हालांकि, हम यह उम्मीद कर रहे थे कि यह केवल 4 से 5 साल तक चलेगा।
हालांकि, कोई भी अर्थशास्त्री वास्तव में यह अनुमान नहीं लगा सकता है कि यह 13 लाख करोड़ डॉलर कितनी देर तक मदद करेंगे, लेकिन पिछले अनुभव हमें बताते हैं कि हम आपदा से 15 से 20 साल दूर हैं। कम से कम अगले 5 वर्षों में कोई बड़ी मंदी नहीं होगी, इसलिए बेहतर विकल्प निवेश करते रहना है।जनवरी 2021 से हम सेबी के नए हुक्म को प्रभावी होते देखेंगे, जो कि स्मॉल और मिड कैप्स में 25 फीसद अनिवार्य निवेश है। हालांकि, बड़े कैप के साथ मिडकैप फंड के विलय की संभावना है, लेकिन छोटे कैप में ऐसा कोई मामला नहीं है और कोई स्वामित्व नहीं है। इसका मतलब है कि निश्चित रूप से 25 फीसद फंड स्मॉल कैप में जाएगा। अब अगर आप स्मार्ट हैं, तो गुणवत्ता वाले स्मॉल कैप पर ध्यान दें और अपनी बारी का इंतजार करें।
कुछ मजबूत जगहों पर 1000 फीसद से अधिक रिटर्न से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। कुछ मामलों में आप एक हजार फीसद से अधिक भी पा सकते हैं। इस तरह आपके पास एक लाइफ टाइम अपॉर्च्युनिटी है। अगर आपने इसे छोड़ा, तो यह आपके पास अंतिम मौका हो सकता है। यदि आप तय नहीं कर पा रहे हैं कि कौन से शेयर अगले मल्टी बैगर्स हो सकते हैं तो आप विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं।(लेखक सीएनआई रिसर्च के सीएमडी हैं। उक्त विचार लेखक के निजी हैं।)