Share Market Tips: बजट से पहले भी बाजार में आ सकती है अच्छी खासी गिरावट, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Share Market Investment Tips अगर आम बजट पर बाजार गिरता है तो हम मानते हैं कि यह खरीदारी के लिए केवल एक अवसर होगा क्योंकि निफ्टी बजट के बावजूद अगले 12 महीनों में 16700 तक पहुंच सकता है।
By Pawan JayaswalEdited By: Updated: Mon, 25 Jan 2021 06:19 AM (IST)
नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। बाजार ने 50,000 सेंसेक्स के ऐतिहासिक निशान को पार कर लिया है और ऐसे गिरना करना शुरू कर दिया है, जैसे कल आएगा ही नहीं। आम तौर पर ट्रेडर्स का मानना है कि बाजार एक बार जब किसी लैंडमार्क पर पहुंच जाता है, तो बाजार गिरता है। वे बाजार के पिछले ट्रेंड को देखते हुए ऐसा मानते हैं। यह कुछ हद तक सही है और इसलिए सेंसेक्स में 1200 अंकों की गिरावट उचित है। लेकिन गिरावट गुरुवार और शुक्रवार को क्यों ..? बजट के बाद क्यों नहीं ..?
हम पहले ही कह चुके हैं कि बजट के बाद बाजार में कुछ गिरावट हो सकती है, क्योंकि बजट स्ट्रीट की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरेगा। यह एक सामान्य सी बात है और वर्षों से होती आ रही है। लेकिन केवल दो दिनों में 2.4 फीसद की गिरावट पर्याप्त संदेह व्यक्त करती है। इससे संदेह इस बात पर भी होता है कि बाजार क्या उतना ही गिरेगा, जिसका अनुमान हमने पहले व्यक्त किया है। सामान्य स्थिति में 2.4 फीसद की गिरावट काफी बड़ी है और यह एफपीआई बिक्री के रूप में भी नहीं है।
मई 2020 से दिसंबर 2020 के बीच 2,39,000 करोड़ रुपये के शानदार निवेश के बाद लोगों का यह सोचना कि इनफ्लो बंद हो जाएगा, सामान्य बात है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इनफ्लो जनवरी, 2021 में भी जारी है। जनवरी, 2021 में अब तक 24,000 करोड़ रुपये का एफपीआई निवेश आ चुका है, जो काफी बड़ा है। एफपीआई की कोई बिकवाली नहीं है। अब यह 36 बिलियन डॉलर के करीब है और अवश्य ही आगे भी जारी रहेगी।
गुरुवार को आई गिरावट वीकली एक्सपायरी के कारण थी, जबकि शुक्रवार को आई गिरावट बजट 2021 में कोविड टैक्स की उम्मीद के चलते आई। यहां तक कि अमेरिका में भी कोविड टैक्स लगाए जाने की उम्मीद की जा रही है, जिसे हम आधारहीन मानते हैं। एक बात जान लें कि अगर एफपीआई शेष 40-50 बिलियन डॉलर निवेश करना चाहते हैं, तो वे सरकार द्वारा इस तरह का उपकर लाने के बाद भी निवेश करेंगे।
बजट 2020 में सुपर रिच श्रेणी पर टैक्स लाया गया था और क्या हुआ.. निफ्टी सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर आ गया। क्या सुपर रिच लोगों ने टैक्स भरना बंद कर दिया? इसलिए ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें बाजार में हेरफेर करने के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। हमें देखना चाहिए कि बजट से क्या उम्मीदें हैं।
एक सूत्र ने कहा कि एलटीसीजी दोगुना होकर 20 फीसद हो जाएगा और एसटीसीजी बढ़ाकर 25 फीसद कर दिया जाएगा। वास्तव में इस बात का कोई सिर-पैर नहीं है। सरकार ऐसा क्यों करेगी, जब वह खुद अपने शेयर बेचना चाहती है। कुछ रिसर्च हाउसेज ने बजट के बारे में कुछ उम्मीदें जताई हैं, जो निम्म हैं।
1. बजट का आकार 32-33 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए।2. नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 15 फीसद मानी जाएगी।3. पांच लाख करोड़ का कैपेक्स।4. जीडीपी का 5 से 5.5 फीसद राजकोषीय घाटा।5. घाटा अनुपात के आधार पर 10.1 से 11.3 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधार।6. टीकाकरण पर खर्च के लिए 12,000 करोड़ रुपये।7. सब्सिडी बिल में मामूली वृद्धि।8. नरेगा के लिए 1 लाख करोड़ रुपया बरकरार रखा जाएगा।
9. हम दैक्स की दरों में किसी भी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं करते हैं और इसलिए इसका उल्लेख नहीं किया है।10. 35 से 40 हजार करोड़ रुपये का बैंक पूंजीकरण। लेकिन यह रीकैप बॉन्ड्स या बजट आवंटन के माध्यम से आ सकता है।11. कुछ सेक्टर विशिष्ट उपाय।ये बजट से सामान्य उम्मीदें हैं। हमें ऐसा विश्वास नहीं है कि बाजार उधार 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक चली जाएगी और अगर ऐसा नहीं होगा, तो यह काफी सकारात्मक हो सकता है। क्योंकि हम आमतौर पर बाजार उधार 4.3 से 4.7 लाख करोड़ के बीच देखते हैं और यह कोरोना वायरस महामारी के चलते 7 से 7.5 लाख करोड़ तक पहुंच जाता है, तो यह सभी के लिए आश्चर्य की बात होगी। राजस्व घाटे, जिसके 5.5 फीसद रहने का अनुमान है, काफी अधिक सकारात्मक है। यह पिछले साल 3.8 फीसद था। कई सारों को यह विश्वास है कि यह 10 फीसद तक जा सकता है।
अब अगर ये आंकड़े आते हैं, तो बाजार गिरावट की बजाय ऊपर जाएगा। एम-कैप टू जीडीपी अभी भी 100 फीसद से कम है। इसलिए यह चिंता का विषय है। पीई के स्तर पर देखें, तो हम पहले ही बता चुके हैं कि यह फॉरवर्ड अर्निंग कैश परिदृश्य का मामला है। बीते हफ्ते दो दिनों में 2.4 फीसद की गिरावट इस हफ्ते के लिए शुभ संकेत है और अगर बाजार लगातार गिरता है व कहे अनुसार अन्य 1.5 फीसद की गिरावट आती है, तो गिरावट 4 फीसद तक बढ़ जाएगी। यह अब दूसरी तरह की गिरावट में चली जाएगी और बजाार वहां से इस हफ्ते के दूसरे हॉफ में तेज यू-टर्न ले सकता है। हम बजट से पहले निफ्टी को 12,800 पर देख सकते हैं और दूसरे सिरे पर यह 15,000 तक जा सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आप किन शेयरों का चयन करते हैं। यदि आप तकनीकी पर एक स्टॉक का चयन करते हैं, जहां हम शेयर को ओवरबॉट (अधिक खरीदा गया) स्थिति पर देखते हैं, तो यह बिना किसी कारण के गिरेगा।टिस्को (Tisco) के शेयर में कुछ भी गलत नहीं था। हमने उल्लेख किया था कि सरकार मूल्य वृद्धि पर उत्पादक संघ के खिलाफ धातु कंपनियों पर भारी पड़ सकती है। गुरुवार को स्टील कंपनियों ने कुछ उत्पादों की कीमतों में 5000 रुपये प्रति टन की कटौती की, जो कि अवश्य ही सरकार की पहल पर हुई है। यहां तक कि चीन की मांग भी थोड़ी धीमी हो गई है। फिर भी टिस्को के शेयर में वापस उछाल दिखने की प्रबल संभावना है, क्योंकि वे यूके यूनिट बेच रहे हैं।
हालांकि, बंधन बैंक, सन फार्मा और डीएलएफ जैसे शेयर खराब परिणामों और अधिक खरीदारी के चलते गिर गए। बाजार इस तेजी के बाजार में खराब परिणामों को स्वीकार करने के लिए दयालु नहीं है। उसी समय LUPIN, एशियन पेंट्स, भारती और एसएफआर जैसे शेयर बहुत मजबूती से आगे बढ़ रहे थे। यह फिर से सुझाव देता है कि आपको हमेशा सही स्टॉक में रहना चाहिए। हमने हैज शॉर्ट (HEDGE short) के रूप में 8 से 9 शेयरों का उपयोग किया था और सभी ने अच्छे परिणाम दिए हैं। इससे आपके लंबे शेयरों की लंबी लागत कम हो गई।
बजट तक आपको केवल इस हैज की नीति का पालन करना होगा, जो आप स्वयं कर सकते हैं या आप सीएनआई टीम का अनुसरण कर सकते हैं, जहाँ स्ट्राइक रेट 90 फीसद से अधिक है।वित्त मंत्री ने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि यह 100 साल का सबसे अच्छा बजट होगा। हमारा मानना है कि यह तभी संभव है, जब वे आउट ऑफ द बॉक्स जाकर फाइनेंस को मैनेज करें, जो कुछ हद तक उन्होंने किया है। ज्ञात हो कि पेट्रोल और डीजल के दाम कम नहीं किये गए हैं और सरकार को एक्साइज के रूप में अपने कोष में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक जोड़ने में मदद मिली हैं। इसी तरह आबकारी कर ने भी मदद की। यहां तक देरी से रिटर्न पर सेक्शन 234 ए ब्याज ने भी सरकार की मदद की। हम केवल राजकोषीय घाटे और बाजार उधार को देखेंगे, जो बजट के बारे में निर्णय लेने के लिए पर्याप्त होंगे कि यह अच्छा होगा या बुरा। अगर बाजार गिरता है, तो हम मानते हैं कि यह खरीदारी के लिए केवल एक अवसर होगा, क्योंकि निफ्टी बजट के बावजूद अगले 12 महीनों में 16,700 तक पहुंच सकता है।(लेखक सीएनआई रिसर्च के सीएमडी हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)