Critical Illness: क्यों जरूरी है हेल्थ इंश्योरेंस के साथ क्रिटिकल इलनेस कवर, जानिए क्या मिलते हैं बेनिफिट्स
Critical Illness health Insurance स्वास्थ्य बीमा खरीदते समय आप अक्सर कम प्रीमियम वाले बीमा की तलाश में रहते हैं लेकिन स्वास्थ्य बीमा खरीदते समय आपको गंभीर बीमारी कवरेज पर भी विचार करना चाहिए। गंभीर बीमारी बीमा यह सुनिश्चित करता है कि आपातकालीन स्थिति में आपकी बचत प्रभावित न हो। जानिए किन-किन क्रिटिकल बीमारी का होता है कवरेज और क्या है क्रिटिकल बीमारी कवरेज के फीचर्स।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 19 Oct 2023 08:30 PM (IST)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: अपने और अपने परिवार को स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी अप्रिय घटना में वित्तीय सहायता पहुंचाने के लिए लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त हम अकसर उन बीमा की खोज करते हैं जिनका प्रीमियम कम हो लेकिन स्वास्थ्य बीमा लेते वक्त आपको क्रिटिकल इलनेस कवर का भी ध्यान रखना चाहिए।
क्रिटिकल इलनेस कवर करने वाली पॉलिसी यह सुनिश्चित करती है कि आपको किसी प्रकार की आपातकाल स्थिति के दौरान आपकी सेविंग पर कोई प्रभाव ना पड़े।
क्या है क्रिटिकल इलनेस कवर?
हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बाद अगर आप यह सोच रहे हैं कि अब अगर कोई भी बीमारी आपको हुई तो उसका खर्च आपकी बीमा कंपनी उठाएगी तो आपको सावधान रहने की जरूरत है।
यदि आपको स्वास्थ्य बीमा लेते वक्त क्रिटिकल इलनेस कवर को एड ऑन या राइडर को एड नहीं किया है तो गंभीर बीमारी होने की स्थिति में आप बीमा क्लेम नहीं कर पाएंगे।ये भी पढ़ें: Health Insurance में क्या होता है Waiting Period जिस दौरान क्लेम नहीं कर पाते आप दावा, पता करें पूरी जानकारी
सामान्य तौर पर आप जो हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं उनमें से कई स्वास्थ्य बीमा क्रिटिकल इलनेस को कवर नहीं करते। हालांकि कुछ बीमा पॉलिसी क्रिटिकल इलनेस को कवर करती हैं। यह हर बीमा कंपनियों की पॉलिसी पर निर्भर करता है।