LIC में जल्द हो सकता है बड़ा बदलाव, निवेशकों को मिलेगा तगड़ा रिटर्न, सरकार कर रही ये तैयारी
LIC में सरकार कई तरह के बदलाव की तैयारी में है। इसकी सुगबुगाहट पिछले कई हफ्तों में सुनाई दे रही है। सरकार की कोशिश है कि बदलाव ऐसे हों जिनसे निवेशकों को फायदा मिले और नए ग्राहक एलआईसी के साथ जुड़ें।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Wed, 26 Oct 2022 04:44 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। सरकार निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए एलआईसी पर अपनी उत्पाद रणनीति में बदलाव करने के लिए दबाव डाल रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
Life insurance Corporation of India (भारतीय जीवन बीमा निगम- एलआईसी) के शेयर 17 मई को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने के बाद से 949 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य से नीचे कारोबार कर रहे हैं। मंगलवार को यह शेयर पिछले बंद के मुकाबले 0.72 फीसदी की गिरावट के साथ 595.50 रुपये पर बंद हुआ। विदेशी ब्रोकरेज फर्म हालांकि एलआईसी के बिजनेस को लेकर उत्साहित हैं। उन्हें लगता है कि एलआईसी के पास अच्छी बाजार क्षमता है। साथ ही कंपनी के पास उच्च जोखिम वाली संपत्ति न के बराबर है। इसके अलावा एलआईसी की एम्बेडेड वैल्यू (आरओईवी) को लेकर भी निवेशक उत्साहित हैं।
LIC में क्या होंगे बदलाव
वित्त मंत्रालय अपनी समीक्षा के बाद एलआईसी प्रबंधन को उन कदमों के बारे में जागरूक कर रहा है जिसके जरिए एलआईसी बेहतर निवेश आकर्षित कर सकेगा। उत्पादों और टर्म योजनाओं की वैरायटी के चलते अधिक से अधिक ग्राहक एलआईसी की तरफ आकर्षित होंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि एलआईसी की लिस्टिंग के साथ 65 साल से अधिक पुराने संस्थान के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हम प्रबंधन के साथ काम कर रहे हैं, ताकि वे अपने उत्पाद का आधुनिकीकरण कर सकें और पॉलिसीधारकों को लाभांश का भुगतान कर सकें।
आपको बता दें कि नॉन-पार्टिसिपेटिंग बीमा उत्पादों में, बीमाकर्ताओं को पॉलिसीधारकों के साथ लाभांश के रूप में अपने लाभ को साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि पार्टिसिपेटिंग या सममूल्य उत्पादों के मामले में बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों के साथ लाभांश साझा करता है।
आगे क्या होगी एलआईसी की प्लानिंग
अधिकारी ने कहा कि युवा पीढ़ी टर्म प्लान के प्रति अधिक इच्छुक है। एलआईसी को अपनी रणनीति पर फिर से काम करना होगा और यह तय करना होगा कि क्या किया जाना चाहिए ताकि उसकी पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके।
आपको बता दें कि एलआईसी का पहली तिमाही का स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ एक साल पहले की अवधि में 2.94 करोड़ रुपये से बढ़कर 682.88 करोड़ रुपये हो गया। एलआईसी ने मार्च 2022 तक 5,41,492 करोड़ रुपये का एम्बेडेड मूल्य (ईवी) दर्ज किया, जबकि मार्च 2021 में यह 95,605 करोड़ रुपये और सितंबर 2021 में 5,39,686 करोड़ रुपये था।
इसका आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 902-949 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड में आया था। इस इश्यू से सरकारी खजाने में करीब 21,000 करोड़ रुपये आए।ये भी पढ़ें-Indian Currency Notes: काफी दिलचस्प है करेंसी नोट की तस्वीरों का किस्सा, आजादी के पहले और बाद में हुए कई बदलाव
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