LIC के शेयरधारकों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी, नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी ने बनाया ये प्लान
LIC के इस कदम से प्रति शेयर बुक वैल्यू बढ़ेगी। इससे एलआईसी के शेयरों में निवेशकों का भरोसा लौटने की उम्मीद है। इससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिलने की आशा है। अगर ऐसा हुआ तो एलआईसी के शेयरों के दाम बढ़ सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC अपने शेयरों की गिरती वैल्यू को सहारा देने के लिए एक नए प्लान पर काम कर रही है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) लाभांश का भुगतान करने या बोनस शेयर जारी करने के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड और बोनस शेयर इश्यू करने पर विचार कर रही है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
एलआईसी के निवेशकों हाल के दिनों में भारी नुकसान हुआ है। कुछ महीने पहले लिस्टिंग के दौरान एलआईसी के शेयरों की कीमत 949 रुपये थी, लेकिन वर्तमान में ये 600 रुपये से नीचे कारोबार कर रहे हैं। इस फैसले के जरिए देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता एलआईसी का लक्ष्य अपने शेयरों की कीमत में सुधार के साथ निवेशकों का भरोसा फिर से हासिल करना है।
लगातार गिर रहे हैं एलआईसी के शेयर
सरकार के स्वामित्व वाली बीमा कंपनी मई में भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हुई थी, लेकिन उसके स्टॉक में 35% से अधिक की गिरावट आई है। जिससे निवेशकों के करीब 2.23 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। अब कंपनी की कोशिश अपने शेयरों को मजबूत करने की है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिन निवेशकों का नुकसान हो चुका है, उनको किस स्तर तक और कितनी राहत मिल पाएगी।
क्या है एलआईसी की स्कीम
एलआईसी अब अपने शेयर की कीमत में सुधार के लिए कदम उठाने पर विचार कर रही है। एलआईसी की योजना नॉन पार्टिसिपेटिंग फंड से 1.8 लाख करोड़ रुपये शेयर होल्डर्स को ट्रांसफर करने की है। आपको बता दें कि कंपनी का नॉन पार्टिसिपेटिंग फंड करीब 11.57 लाख करोड़ रुपए है।
क्या होते हैं पार्टिसिपेटिंग और नॉन पार्टिसिपेटिंग फंड
जीवन बीमा कंपनियां मुख्य रूप से दो प्रकार के उत्पाद बेचती हैं, एक पार्टिसिपेटिंग और दूसरा नॉन पार्टिसिपेटिंग। पार्टिसिपेटिंग फंड का लाभ ग्राहकों के साथ साझा किया जाता है जबकि नॉन पार्टिसिपेटिंग फंड में निश्चित रिटर्न मिलता है। एलआईसी अपने प्रीमियम को नॉन पार्टिसिपेटिंग फंड में रखती है।
क्या वापस लौटेगा निवेशकों का भरोसा
नॉन पार्टिसिपेटिंग फंड से शेयरधारकों के फंड में राशि ट्रासंफर करना निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने का एक तरीका है। नॉन पार्टिसिपेटिंग फंड ट्रांसफर करने के से बीमा कंपनी की नेटवर्थ में 18 गुना उछाल आने की उम्मीद है। इससे निवेशकों को भी तगड़ा रिटर्न मिलने की उम्मीद जताई है। लिस्टिंग के दौरान एलआईसी के शेयरों की कीमत 949 रुपये प्रति शेयर थी, लेकिन फिलहाल यह 600 रुपये से नीचे कारोबार कर रही है।
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