Life Insurance Plan के होते हैं कई टाइप, हर प्लान जनरल इंश्योरेंस से होता है अलग
आज के समय में लाइफ इंश्योरेंस लेना जरूरी माना जाता है। अगर आप भी लाइफ इंश्योरेंस लेने का सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि यह कई तरह के होते हैं। लाइफ इंश्योरेंस प्लान जनरल इंश्योरेंस से काफी अलग होता है। हम आपको इस आर्टिकल में लाइफ इंश्योरेंस के टाइप के साथ यह भी बताएंगे कि वह जनरल इंश्योरेंस से कितना अलग है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में सेविंग और निवेश से पहले हमें खुद और फैमिली को सिक्योर करने पर फोकस रहता है। इसके लिए हम कई तरह के इन्वेस्टमेंट भी करता हैं। इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के साथ लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) का होना जरूरी है।
लाइफ इंश्योरेंस आपको और आपके परिवार को सिक्योरिटी देता है। इसमें इंश्योरेंस होल्डर और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक एग्रीमेंट होता है। एग्रीमेंट के अनुसार अगर किसी दुर्घटना में इंश्योरेंस होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी परिवार या नॉमिनी को आर्थिक तौर पर मदद करने के लिए एक निश्चित राशि देती है। इसमें इंश्योरेंस होल्डर हर साल एक फिक्सड अमाउंट का प्रीमियम देता है।
अगर आप भी लाइफ इंश्योरेंस का सोच रहे हैं तो हम आपको इसस जुड़ी कुछ बातें बताएंगे।
कई तरह के होते हैं लाइफ इंश्योरेंस
- टर्म लाइफ इंश्योरेंस को एक फिक्सड समय के लिए खरीदा जाता है। इसमें एक टेन्योर के लिए रिस्क कवर होता है। इस प्लान में मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं मिलता है।
- यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान में इन्वेस्टमेंट के साथ सिक्योरिटी भी मिलती है। इस प्लान में शेयर मार्केट के हिसाब से उतार-चढ़ाव मिलता है।
- एंडोमेंट प्लान में इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस दोनो शामिल होता है। इसें एक टेन्योर तक रिस्क कवर होता है और टेन्योर के खत्म हो जाने पर बोनस के साथ सम एश्योर्ड मिलता है।
- मनीबैक में एक फिक्स्ड समय तक इन्वेस्ट करना होता है। टेन्योर के खत्म हो जाने के बाद निवेशक को बोनस के साथ सम एश्योर्ड मिलता है। यह किस्तों में मिलता है।
- होल लाइफ इंश्योरेंस प्लान में पूरी लाइफ के लिए इंश्योरेंस मिलता है। इसमें इंश्योरेंस होल्डर की मृत्यु के बाद नॉमिनी इंश्योरें क्लेम कर सकते हैं।
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