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EV के लिए खरीदने जा रहे हैं इंश्योरेंस तो इन बातों का रखें ध्यान, क्लेम के समय नहीं होगी कोई समस्या

Electric Vehicle खरीदते समय इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है। पेट्रोल-डीजल वाहनों से अधिक कीमत और कई प्रकार के महंगे इलेक्ट्रिक पार्ट्स के उपयोग होने के कारण ईवी इंश्योरेंस लेते समय कुछ बातोंं का ध्यान रखना चाहिए जो हम इस लेख में विस्तार से बताने जा रहे हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 10 Jun 2023 10:00 AM (IST)
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इलेक्ट्रिक वाहन इंश्योरेंस लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों खरीदने का ट्रेंड तेजी से बढ़ता चला जा रहा है। इलेक्ट्रिक गाड़ियां (EV) पर्यावरण के लिए नुकसानदायक न होने के साथ- साथ कार खरीदार के लिए भी किफायती साबित होती हैं। हालांकि, इन कारों की कीमत पेट्रोल-डीजल की अपेक्षा अधिक होती हैं। इस वजह से इलेक्ट्रिक कारों के लिए इंश्योरेंस लेना बेहद जरूरी हो जाता है।

इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बैटरी और कई महंगे इलेक्ट्रिक पार्ट्स का प्रयोग किया जाता है, जिस कारण इंश्योरेंस लेते समय कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। आइए जानते हैं।

इलेक्ट्रिक कार इंश्योरेंस लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

कवरेज

इलेक्ट्रिक वाहन का मूल्य पेट्रोल कार की अपेक्षा अधिक होता है। इस कारण आपको इंश्योरेंस लेते समय इस बात पर फोकस करना चाहिए कि इंश्योरेंस में आ रही IDV आपके गाड़ी की मौजूदा कीमत के बराबार हो। IDV वह राशि होती है, जिस आधार पर इंश्योरेंस कंपनी क्लेम का भुगतान करती है।

गाड़ी के इलेक्ट्रिक पार्ट्स के ऐड ऑन लें

ईवी में पेट्रोल या डीजल कार की अपेक्षा कई महंगे इलेक्ट्रिक पार्ट्स जैसे बैटरी पैक, पावर सप्लाई यूनिट और मैकेनिकल सिस्टम लगे होते हैं, जिन्हें इंश्योरेंस में कवर किया जाना जरूरी होता है। इंश्योरेंस लेते समय इन सभी महंगे पार्ट्स के लिए ऐड ऑन लेना न भूलें।

जीरी डेप्रिसिएशन कवर लें

किसी भी कार के लिए जीरी डेप्रिसिएशन कवर लेना जरूरी होता है। सामान्य इंश्योरेंस कवर में कंपनियां साल दर साल गाड़ी की आयु के हिसाब से डेप्रिसिएशन लगाती हैं, इस कारण आपकी क्लेम की राशि कम हो जाती है। वहीं, अगर आप जीरी डेप्रिसिएशन कवर लेते बिना किसी कटौती के पूरा क्लेम मिलता है।

क्लेम सेटलमेंट रेश्यो

किसी भी कंपनी से वाहन खरीदते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो कैसा है और अधिक क्लेम सेटलमेंट रेश्यो वाली कंपनी से ही इंश्योरेंस लेना चाहिए।