Annual Information Statement क्या है, इससे आसान कैसे हो जाता है इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना, जानें पूरी डिटेल
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय कई लोगों को अपनी पिछली डिटेल याद नहीं रहती। इससे उन्हें ITR फाइल करने में दिक्कत होती है। इसी परेशानी को दूर करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट Annual Information Statement लाया था। इसमें आपके पैन आधार और पते के साथ रिफंड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं। साथ ही अगर डिपार्टमेंट ने आपसे कोई जानकारी मांगी है तो उसका भी रिकॉर्ड होता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना कई लोगों को पेचीदा काम लगता है। इसकी बड़ी वजह है कि उन्हें टैक्स से जुड़े नियम-कानून और दस्तावेजों की ज्यादा जानकारी नहीं होती। साथ ही, वे अपनी टैक्स फाइल (Income Tax Declaration) से जुड़ी डिटेल भी भूल जाते हैं।
लेकिन, अगर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement- AIS) के बारे में पता है, तो आपकी कई मुश्किलें आसान हो सकती हैं।
इस सुविधा को नवंबर 2021 के पेश किया गया था। यह टैक्सपेयर्स की उन जानकारियों के बारे में बताता है, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास पहले से होती हैं। आइए AIS के बारे में सबकुछ विस्तार से जानते हैं।
क्या होता है एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट?
इस स्टेटमेंट में इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत जरूरी सभी जानकारियां भी शामिल होती हैं। इस फॉर्म में टैक्सपेयर्स की जानकारियां दो हिस्सों में होती हैं।
पार्ट A : इस हिस्से में करदाता की सामान्य जानकारियां होती हैं। जैसे कि पैन, मास्क्ड आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, एड्रेस, नाम और जन्म की तारीख। अगर इंडिविजुअल की जगह कोई कंपनी है, तो जन्म की जगह उसकी स्थापना वाली तारीख की जानकारी होती है।
यह भी पढ़ें : 15 मार्च का इंतजार मत कीजिए, Paytm FASTag से अभी छुटकारा पाने में भलाई, जानें बंद करने से रिफंड पाने तक पूरा प्रोसेसपार्ट B : इसमें आपके टैक्स से जुड़ी तकनीकी जानकारियां दिखती हैं।
SFT की जानकारी : यहां स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (SFT) करने वाली कंपनियों से मिली जानकारी होती है। इसमें कंपनियों से मिला डिविडेंड और सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी शामिल रहता है।डिमांड और रिफंड : इस सेक्शन से आपको यह पता चल जाता है कि किसी वित्त वर्ष में आपको कितना रिफंड जारी हुआ और आपसे किन जानकारियों डिमांड हुई थी।
अन्य जानकारियां: इस हिस्से में अन्य स्रोतों से मिली इंफॉर्मेशन शामिल होती हैं। मसलन- सैलरी का एनेक्सचर II फॉर्म, रिफंड पर मिलने वाला इंटरेस्ट, विदेशी मुद्रा की खरीदारी।