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संकेतकों के हिसाब से निर्णय बेहतर

कीमतों में जब गिरावट हो, तब खरीदें और तेजी पर बेचें, इस सिद्धांत के आधार पर इक्विटी निवेशक खरीद-बिक्री के लिए सही समय चुन सकते हैं। इस सिद्धांत को लगातार शेयर बाजार की सबसे बड़ी भ्रांति भी कहा जाता है। हालांकि इस धारणा के प्रति आकर्षण में अब तक कोई कमी नहीं आई है। जो निवेशक इस सिद्धांत को लागू करने में कामयाब होते ह

By Edited By: Updated: Mon, 03 Mar 2014 07:33 AM (IST)
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कीमतों में जब गिरावट हो, तब खरीदें और तेजी पर बेचें, इस सिद्धांत के आधार पर इक्विटी निवेशक खरीद-बिक्री के लिए सही समय चुन सकते हैं। इस सिद्धांत को लगातार शेयर बाजार की सबसे बड़ी भ्रांति भी कहा जाता है। हालांकि इस धारणा के प्रति आकर्षण में अब तक कोई कमी नहीं आई है। जो निवेशक इस सिद्धांत को लागू करने में कामयाब होते हैं, उनका लाभ काफी ज्यादा होता है। लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो इस सिद्धांत को लागू करने में असफल होते हैं और तगड़ा नुकसान झेलते हैं। परफेक्ट टाइमिंग की इस फैंटेसी को मार्केट इंडेक्स के चार्ट के जरिये बखूबी बताया जाता है 'यदि कोई है जो हर गिरावट में खरीदता है और तेजी मे बेचता है तो वह मैं हूं।' लेकिन ऐसा होता नहीं है, कम से कम किसी उपयोगी और टिकाऊ रूप में।

हालांकि एक खास तरह के कम जाने पहचाने म्यूचुअल फंड इस टाइमिंग को उपयोगी तरीके से हासिल करने में सफल रहे हैं। यह तरीका आम निवेशकों के लिए भी बिना कोई खास जटिलता के उपलब्ध है। इस तरीके को इस्तेमाल करने वाले फंडों को हाइब्रिड असेट अलोकेशन फंड कहा जाता है। वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन पर आप हाइब्रिड फंडों (बैंलेंस्ड फंडों) की छोटी उपश्रेणी को देख सकते हैं, जो कि इक्विटी और फिक्सड इनकम विकल्पों में संपत्तियों को बांटते हैं। आम तौर पर हाइब्रिड फंड सीमित इक्विटी और डेट विकल्पों में कारोबार करते हैं। इन फंडों का असेट अलोकेशन इस पर निर्भर करता है कि इक्विटी बाजार में कीमतें ज्यादा हैं या कम।

कुछ फंडों में अलोकेशन मानवीय निर्णय के जरिये किया जाता है। लेकिन एफटी इंडिया डायनामिक, डीएसपी ब्लैकरॉक डायनामिक असेट अलोकेशन और हाल ही में लांच बीओआइ अक्सा असेट रीबैलेंसर जैसे फंडों में ऑटोमैटिक अलोकेशन होता है। इसके लिए इक्विटी के पीई रेश्यो और डेट के यील्ड गैप रेश्यो जैसे संकेतकों के आधार पर ऑटोमैटिक तरीके से यह फैसला लिया जाता है कि डेट में अलोकेशन किया जाए या इक्विटी में। पूरी तरह से आश्वस्त होने के लिए सटीक पूर्व ज्ञान के स्वप्न की जरूरत होती है, लेकिन वास्तविक दुनिया में हमारे पास वही ज्ञान है जो हमें प्राप्त हुआ है। इन फंडों का अंतिम परिणाम ऐसा नहीं होता जिनकी तुलना अच्छे इक्विटी फंडों से की जा सके। लेकिन जहां तक लंबी अवधि में अन्य हाइब्रिड फंडों से तुलना का सवाल है तो ऑटोमेटिक असेट अलोकेशन करने वाले फंड बेहतर साबित होते हैं।

[धीरेंद्र कुमार]

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