शेयर बेचने पर अब जल्द आएगा पैसा, जानिए Sebi की इस नई व्यवस्था से निवेशकों को क्या फायदा होगा
How to become rich Share Market में निवेश करते हैं तो एक अच्छी खबर आ रही है। बाजार नियामक Sebi ने कुछ ऐसा इंतजाम कर दिया है जिसमें शेयर बेचने के एक दिन बाद ही रकम आपके बैंक खाते में आ जाएगी।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Sat, 11 Sep 2021 08:47 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। Share Market में निवेश करते हैं तो एक अच्छी खबर आ रही है। बाजार नियामक Sebi ने कुछ ऐसा इंतजाम कर दिया है, जिसमें शेयर बेचने के एक दिन बाद ही रकम आपके बैंक खाते में आ जाएगी। दरअसल सेबी ने मंगलवार को जारी एक सर्कुलर में शेयर बाजारों को वैकल्पिक आधार पर टी+1 निपटानव्यवस्था अपनाने की अनुमति दी थी।
Sebi ने फिलहाल वैकल्पिक आधार पर इस व्यवस्था को लागू किया है। नई व्यवस्था एक जनवरी 2022 से लागू होगी। टी+1 का मतलब है कि वास्तविक लेनदेन होने के एक दिन के भीतर सौदे का निपटान करना होगा। इस समय भारतीय शेयर बाजारों पर सौदों का निपटान लेनदेन के बाद दो कार्य दिवसों में किया जाता है, जो टी+2 कहा जाता है। टी प्लस वन सेटलमेंट सिस्टम से शेयर कारोबारियों और निवेशकों को काफी फायदा होने की उम्मीद है।शेयर बाजार के विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि बाजार नियामक सेबी द्वारा वैकल्पिक टी+1 (सौदा और एक दिन) निपटान प्रणाली शुरू करने के फैसले से ग्राहकों के लिए मार्जिन की जरूरत कम करने में मदद मिल सकती है और इससे इक्विटी बाजारों में खुदरा निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
मायवेल्थग्रो डॉट कॉम के सह-संस्थापक हर्षद चेतनवाला ने कहा कि इस कदम के फायदे और नुकसान पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि बाजारों को कुछ परिचालन संबंधी मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है।उन्होंने कहा कि निपटान चक्र को पूरा करने में कई कारक और संस्थाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस कवायद से इस बात का मूल्याकंन करने में मदद मिलेगी कि क्या टी+1 प्रभावी हो सकता है या टी+2 निपटान चक्र ही अच्छा है।
शेयरखान, बीएनपी परिबास के सीईओ जयदीप अरोड़ा ने कहा कि टी+1 निपटान का नया नियम नियामक की ओर से एक अच्छा कदम है, क्योंकि इससे ग्राहकों के लिए मार्जिन की जरूरत को कम करने में मदद मिल सकती है और इक्विटी बाजारों में खुदरा निवेश बढ़ेगा।लर्नएप डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ प्रतीक सिंह ने कहा कि टी+1 शेयर बाजार में सभी प्रतिभागियों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों के पास इन व्यवस्था को चुनने का विकल्प है, लेकिन सवाल यह है कि यदि एक बाजार टी+1 का विकल्प चुनता है और दूसरा नहीं, तो इससे थोड़ी भ्रम की स्थिति बन सकती है।