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एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ आमतौर पर म्यूचुअल फंड के समान ही होते हैं। म्यूचुअल फंड की तरह ही यह कई शेयरों का बंडल होता है जिनमें निवेशक निवेश करता है। यह निवेशकों को विविधता भरा पोर्टफोलियो उपलब्ध कराता है। इसके बावजूद दोनों में काफी अंतर है। ईटीएफ का कारोबार शेयर बाजार पर दिन भर उसी तरह होता है जैसे कि

By Edited By: Updated: Mon, 03 Feb 2014 10:20 AM (IST)
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एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ आमतौर पर म्यूचुअल फंड के समान ही होते हैं। म्यूचुअल फंड की तरह ही यह कई शेयरों का बंडल होता है जिनमें निवेशक निवेश करता है। यह निवेशकों को विविधता भरा पोर्टफोलियो उपलब्ध कराता है। इसके बावजूद दोनों में काफी अंतर है।

ईटीएफ का कारोबार शेयर बाजार पर दिन भर उसी तरह होता है जैसे किसी शेयर में। जबकि म्यूचुअल फंड में खरीद-फरोख्त दिन के अंत में प्राप्त उसके नेट एसेट वैल्यू के आधार पर ही की जा सकती है। ज्यादातर ईटीएफ किसी खास इंडेक्स के पीछे चलते हैं और इसकी वजह से उसके परिचालन संबंधी खर्च कम हो जाते हैं। जबकि सक्रिय निवेश वाले म्यूचुअल फंडों के मामले में ऐसा नहीं है। इस लिहाज से ईटीएफ में आपके निवेश पर रिटर्न की दर बढ़ती है। इसके अतिरिक्त ईटीएफ में निवेश की कोई न्यूनतम सीमा नहीं होती और न ही बिक्री पर किसी तरह का चार्ज। जबकि पारंपरिक म्यूचुअल फंड में दोनों तरह की बाध्यताएं होती हैं। हां, ज्यादातर इंडेक्स म्यूचुअल फंडों में सेल्स लोड नहीं होता।

ईटीएफ में शेयरों का सृजन वस्तु के रूप में हुए सौदे की तरह होता है जो सामान्य बिक्री नियमों के दायरे में नहीं आते। इसलिए ये टैक्स दायरे से बाहर रहते हैं। मगर म्यूचुअल फंड में जब आप अपनी यूनिट बेचकर लाभ अर्जित करते हैं तो वह टैक्स दायरे में आते हैं। इस लिहाज से ईटीएफ का गठन टैक्स बचत के तौर पर अधिक बेहतर तरीके से किया गया है।

[समझ-बूझ]

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