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बाजार में निवेश के दौरान Sebi की मानेंगे तो नहीं होगा नुकसान, आया नया चार्टर

बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने निवेशकों के लिए नया चार्टर (Investor charter) जारी किया है। यह चार्टर सिक्‍योरिटी मार्केट में निवेश के दौरान सावधानी बरतने पर है। इसमें कहा गया है कि अगर Sebi के Dos और dont को फॉलो करेंगे तो नुकसान से बचे रहेंगे।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Fri, 19 Nov 2021 07:59 AM (IST)
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इस चार्टर में निवेशकों के अधिकारों की बात है।
नई दिल्‍ली, पीटीआइ। बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने निवेशकों के लिए नया चार्टर (Investor charter) जारी किया है। यह चार्टर सिक्‍योरिटी मार्केट में निवेश के दौरान सावधानी बरतने पर है। इसमें कहा गया है कि अगर Sebi के Do's और don't को फॉलो करेंगे तो नुकसान से बचे रहेंगे।

Sebi ने कहा है कि सिक्‍योरिटी मार्केट में निवेश करने वालों के हितों को सुरक्षित करने के लिए नया निवेशक चार्टर जारी किया गया है। इस चार्टर में निवेशकों के अधिकारों और दायित्वों का ब्योरा होने के साथ ही उन्हें प्रतिभूति बाजार में बरती जाने वाली सावधानियों से भी अवगत कराने की कोशिश की गई है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) की एक सार्वजनिक सूचना के मुताबिक इस चार्टर को तैयार करने का मकसद निवेशकों के हितों को सुरक्षित करना और उन्हें निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित बाजार में निवेश में मदद पहुंचाना है।

क्‍या है चार्टर में

  1. चार्टर में निवेशकों को निष्पक्ष और समान व्यवहार की बात बताई गई है।
  2. साथ ही समयबद्ध ढंग से शिकायतों का निपटारा किए जाने।
  3. सेबी से मान्यता-प्राप्त बाजार ढांचागत संस्थानों और मध्यवर्तियों से क्‍वालिटी सेवाएं हासिल करने का हक।
  4. सेबी ने निवेशकों के लिए कुछ जिम्मेदारियां भी तय करते हुए उन्हें 'करने योग्य' और 'नहीं करने योग्य' में बांटा है।
  5. सेबी अपने पोर्टल स्कोर्स के जरिये ऑनलाइन शिकायतों का निपटान करता है।
सेबी ने कहा है कि निवेशकों की शिकायतों का समय पर निपटान उनके हितों को सुरक्षित करने के लिए बेहद जरूरी है।

बता दें कि इससे पहले बाजार नियामक सेबी (SEBI) निवेशकों के हित की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा रहा है। उसने IPO के नियमों में बड़ा रद्दोबदल करने का प्रस्‍ताव किया है। बाजार नियामक ने प्रस्ताव किया कि कंपनियां कैसे IPO से आई नकदी खर्च कर सकती हैं और बड़े निवेशक कितनी जल्दी बाहर निकल सकते हैं। सेबी का मकसद इस प्रस्‍ताव के जरिए छोटे यानि रिटेल निवेशकों का हित सुरक्षित करना है।