बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Tax on EPF Withdrawal: कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद भी खुद को वित्तीय तौर पर मजबूत करने पीएफ (
Provident Fund) में निवेश करता है। पीएफ एक तरह का फंड (PF Fund) है। इसमें कर्मचारी और कंपनी दोनों निवेश करती है। जब पीएफ फंड मैच्योर हो जाता है तब कर्मचारी को एकमुश्त राशि और मासिक पेंशन (Monthly Pension) का लाभ मिलता है।
कर्मचारी चाहे तो वह मैच्योरिटी से पहले भी बीमारी या घर बनाने जैसे कामों के लिए पीएफ अकाउंट (PF Account) से पैसे निकाल सकता है। इसके लिए आवेदन देना होता है।कई कर्मचारी इस बात से अनजान होते हैं कि पीएफ अकाउंट से निकासी करने पर टैक्स (Tax) भी देना पड़ सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि पीएफ अकाउंट से निकासी पर टैक्स को लेकर क्या प्रावधान हैं।
क्या है टैक्स को लेकर नियम
अगर कर्मचारी लगातार 5 साल तक ईपीएफ (EPF) में कंट्रीब्यूशन देता है तो उसे पीएफ से पैसे निकालने पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। अब पीएफ होल्डर ने इन 5 वर्षों में एक कंपनी में नौकरी की है या एक से ज्यादा कंपनी में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
ईपीएफओ (
EPFO) के नियम के अनुसार जब ईपीएफ मेंबर नौकरी छोड़ता है तो वह एक महीने में पीएफ अकाउंट में कुल जमा राशि का 75 फीसदी हिस्सा निकाल सकता है। अगर मेंबर 2 महीने से ज्यादा बेरोजगार रहता है तब वह पीएफ अकाउंट से पूरी राशि निकाल सकते हैं।
5 साल से पहले निकासी पर कितना लगता है टैक्स
पीएफ अकाउंट में जमा राशि के 4 हिस्से होते हैं- एम्प्लॉई का कंट्रीब्यूशन, एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन, एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला इंटरेस्ट, इम्प्लॉई के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला इंटरेस्ट। यह चारों इंटरेस्ट टैक्सेबल होते हैं।अगर कर्मचारी अपने योगदान पर आयकर अधिनियम 1961 के 80C के तहत मिलने वाले टैक्स छूट का लाभ उठाता है तब पीएफ कंट्रीब्यूशन को सैलरी का एक हिस्सा माना जाएगा। वहीं, अगर कर्मचारी 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ नहीं लेता है तो कंट्रीब्यूशन को टैक्स के दायरे में शामिल नहीं किया जाएगा।
हालांकि, कर्मचारी द्वारा किये जाने वाले कंट्रीब्यूशन और उसपर मिलने वाला ब्याज उसकी सैलरी का हिस्सा माना जाता है। कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज इनकम फ्रॉम अदर सोर्स में आता है।
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कब देना होता है टैक्स
पीएफ की निकासी पर टैक्स उस साल लगता है जिस साल आप पीएफ अकाउंट से पैसों की निकासी करते हैं।इसे ऐसे समझिए कि अगर आप वर्ष 2021-22 से पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन देना शुरू करते हैं और वर्ष 2024-25 में अकाउंट से पैसे निकालते हैं तो आपको वर्ष 2024-25 में टैक्स का भुगतान करना होगा।
कैसे बचा सकते हैं टैक्स
अगर आप 5 साल से पहले पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल रहे हैं तो टैक्स देना होता है। परंतु कुछ खास स्थितियों में यह टैक्स फ्री हो जाता है।जैसे कि अगर किसी वजह से कर्मचारी की नौकरी छूट जाए जिसमें कर्मचारी की कोई गलती ना हो या फिर कर्मचारी की हेल्थ अच्छी नहीं है तो ऐसी स्थिति में पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगता है। यह पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है।
टीडीएस को लेकर क्या है प्रावधान
ईपीएफओ के नियमों के अनुसार अगर पीएफ अकाउंट पैन कार्ड (Pan Card) से लिंक है तो 10 फीसदी का टीडीएस (TDS) देना होता है। वहीं अगर पीएफ अकाउंट में पैन नंबर की जानकारी नहीं होती है तो मैक्सिमम मार्जिन रेट/34.608 फीसदी के हिसाब से टीडीए देना होता है।बता दें कि ईपीएफ में 50,000 रुपये से कम डिपॉजिट है तो उसपर कोई टीडीएस नहीं लगता है। वहीं जो कर्मचारी टैक्स के दायरे में आते हैं वह फॉर्म 15G या 15H जमा करके टीडीएस बचा सकते हैं।
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