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Explained: जानिए क्या है Sovereign Gold Bond, क्या हैं इस योजना के फायदे, कैसे कर सकते हैं इसमें निवेश

गोल्ड कमोडिटी में निवेश करने वालों के लिए सरकारी स्कीम सॉवेरिन गोल्ड बॉन्ड योजना सबसे बेहतर माध्यमों में से एक है। लेकिन ऐसा भी देखने को मिलता है कि लोग कम जानकारी के चलते इस सरकारी योजना में निवेश नहीं कर पाते हैं।

By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Sun, 28 Nov 2021 09:05 AM (IST)
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गोल्ड बॉन्ड की आठवीं किस्त जारी होने वाली है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond) 2021-22 के तहत गोल्ड में अपना पैसा निवेश करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। गोल्ड बॉनेड स्कीम की आठवीं किस्त 29 नवंबर को खुलने जा रही है और यह तीन दिसंबर तक लोगों के लिए खुली रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक " बांड का निर्गम मूल्य 4,791 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है।" गोल्ड कमोडिटी में निवेश करने वालों के लिए सरकारी स्कीम सॉवेरिन गोल्ड बॉन्ड योजना सबसे बेहतर माध्यमों में से एक है। लेकिन, ऐसा भीदेखने को मिलता है कि लोग कम जानकारी के चलते इस सरकारी योजना में निवेश नहीं कर पाते हैं। लोगों को इस योजना के जरिए सोना खरीदने के तरीके, और इसके फायदों के बारे में भी नहीं पता होता है। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में।

क्या है यह योजना

सरकार ने वर्ष 2015 में Sovereign Gold Bond योजना की शुरुआत की थी। वैकल्पिक वित्तीय संपत्ति विकसित करने और भौतिक सोने की खरीद या उसे रखने के विकल्प के रूप में, भारत सरकार द्वारा 5 नवंबर 2015 को एसजीबी योजना को अधिसूचित किया गया था। गोल्ड बॉन्ड रिजर्व बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं, और इसकी एक सरकारी गारंटी होती है। अभी तक गोल्ड बॉन्ड की आठ किस्तें जारी हो चुकीं हैं।

क्या है इस योजना से लाभ

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को RBI द्वारा जारी किया जाता है, जिस वजह से इनकी सॉवरेन गारंटी होती है। इन गोल्ड बॉन्ड्स की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से भी लिंक्ड होती है। इसके अलावा इस योजना का एक लाभ यह भी है कि, इसमें शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसद की एक निश्चित ब्याज दर प्राप्त होती है। इस ब्याज को निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा किया जाता है।

कौन खरीद सकता है बॉन्ड

भारत का कोई भी निवासी व्यक्ति और, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने के योग्य हैं। गोल्ड बांड की अवधि 8 साल की समय सीमा के लिए है साथ ही आपको इसमें 5वें वर्ष के बाद अगले ब्याज भुगतान तारीखों पर बाहर निकलने का विकल्प भी मिलता है।

कहां से खरीद सकते हैं इसे

गोल्ड बांड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई के जरिए खरीदे जा सकते हैं।

कितना निवेश कर सकते हैं

आप इस योजना के जरिए कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो तक सोना खरीद सकते हैं। एचयूएफ और ट्र्स्ट के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है।