HRA Calculation: बजट के बाद बदल गया एचआरए में छूट का तरीका? क्या हैं नए नियम
HRA Calculation इस बार के बजट में व्यक्तिगत आयकर को लेकर कई ऐलान किए गए हैं। ऐसे में एचआरए के तहत मिलने वाली छूट में इस बार बदलाव हुआ है या नहीं। आइए जानते हैं विस्तार से... (जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त वर्ष 2023 को समाप्त होने में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे समय में लोग टैक्स बचाने के लिए अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग पर जोर देते हैं। इस आम बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से इनकम टैक्स को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं, जिसमें व्यक्तिगत आयकर सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये, वार्षिक स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को नई टैक्स रिजीम में लाना और टैक्स के स्लैब में लाना शामिल हैं।
इन ऐलानों के बाद वेतन पाने वाले लोगों के मन में टैक्स बचत के अहम कंपोनेंट हाउस रेंट अलाउंस यानी एचआरए को लेकर सवाल उठ रहा है कि आखिर अब इसमें कितनी बचत कर सकते हैं।
क्या होता है House Rent Allowance (HRA)?
हाउस रेंट अलाउंस एक प्रकार का भत्ता होता है, जिसे एक नियोक्ता की ओर से उसके कर्मचारी को घर के किराये के खर्चों के भुगतान के बदले दिया जाता है। HRA को कर्मचारी के वेतन के एक कंपोनेंट के रूप में शामिल किया जाता है। इनकम टैक्स एक्ट के नियम 2A के मुताबिक, सेक्शन 10 (13A) के तहत वेतन पाने वाले लोगों को एचआरए छूट का फायदा दिया जाता है।
कैसे मिलता है फायदा?
एचआरए का फायदा किसी व्यक्ति को केवल पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर ही मिलता है। अगर आप नई टैक्स रिजीम चुनते हैं, तो फिर आपको एचआरए का फायदा नहीं मिलेगा। ऐसे में अगर आपको एचआरए के तहत मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा लेना है, तो पुरानी टैक्स रिजीम का चयन करना होगा।
HRA छूट कैसे कैलकुलेट करते हैं?
कंपनी की ओर से प्राप्त की गई एचआरए की कुल राशि
मेट्रो शहरों में रहने वालों के लिए 50 प्रतिशत (बेसिक सैलरी + डीए)
नॉन-मेट्रो शहरों में रहने वालों के लिए 50 प्रतिशत (बेसिक सैलरी + डीए)
भुगतान किया गया किराया बेसिक सैलरी + डीए का 10% से कम होना चाहिए
कब नहीं मिलती HRA की छूट
अगर हाउस रेंट अलाउंस पाने वाला व्यक्ति अपने खुद के घर में रह रहा होता है, तो फिर उसे एचआरए की छूट का लाभ नहीं मिलता है और ये पूरी राशि टैक्स के दायरे में आ जाती है।