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Income Tax: इन्वेस्टमेंट पर लेना चाहते हैं टैक्स बेनिफिट, जानें किस निवेश पर कौन-से सेक्शन से कम हो जाएगा आपका कर

Tax Deduction सभी टैक्सपेयर्स को समय से टैक्स का भुगतान करना चाहिए। ऐसे में करदाता टैक्स बेनिफिट का लाभ भी उठा सकते हैं। बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट में कुछ सेक्शन के जरिये आप आसानी से टैक्स छूट का फायदा मिलता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि आप किस सेक्शन के तहत कितना टैक्स डिडक्शन कर सकते हैं।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 04 Mar 2024 09:06 AM (IST)
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इन्वेस्टमेंट पर लेना चाहते हैं टैक्स बेनिफिट
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Income Tax 2024: हर टैक्सपेयर्स चहता है कि वो ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचाए। जब भी टैक्स छूट या डिडक्शन की बात आती है तो लगभग सभी करदाता इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C और 80D के तहत इसका लाभ उठाते हैं।

बता दें कि 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक का टैक्स छूट मिलती है और 80D में मेडिक्ल एक्सपेंस (Medical Expense) पर टैक्स छूट दिया जाता है।

इन सेक्शन के अलावा भी कई और सेक्शन के जरिये करदाता टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। चलिए, जानते हैं कि कौन-से निवेश पर कितना टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) मिलता है।

प्रोविडेंट फंड

कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) में निवेशक द्वारा किये गए निवेश राशि टैक्स फ्री होती है। यहां तक कि प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) में निवेश राशि के इन्टरेस्ट पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। पीपीएफ (PPF) में योगदान करने वाले कर्मचारी आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट के लिए एलिजेबल होते हैं। इनके अलावा नियोक्ता भी 80C के तहत टैक्स बेनिफिट का लाभ उठा सकते हैं।

लाइफ इंश्योरेंस

वर्तमान में अपने और पूरे परिवार को सिक्योर करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) अहम रोल निभाता है। लाइफ इंश्योरेंस के लिए जो प्रीमियन का भुगतान किया जाता है उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट का लाभ पाने के लिए धारी 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।

मेडिकल इंश्योरेंस (Medical Insurance) का प्रीमियम 25,000 रुपये है तो सेक्शन 80डी के तहत इसपर कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं चेकअप पर 5,000 रुपये तक के खर्चे पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।

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इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Linked Saving Scheme) में भी निवेशक को टैक्स डिडक्शन का ऑप्शन मिलता है। बता दें कि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में शामिल होता है। इसमें निवेशक 1.50 लाख रुपये तक के लिए टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकता है। करदाता को 80सी के तहत कर की छूट मिलती है।

इस स्कीम में 1 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (Long Term Capital Gains) पर कोई कर नहीं लगता है, लेकिन 1 लाख से ज्यादा पर 10 फीसदी का टैक्स देना होता है।

होम लोन

आपने भी अपना घर बनवाने के लिए होम लोन (Home Loan) लिया है तो आप टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं। इसमें लोनधारक 80EE के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। करदाता एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक की डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड

कई निवेशक इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड (Infrastructure Bond) में निवेश करते हैं। इसमें करदाता आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट का लाभ उठा सकते हैं। 2,000 रुपये या उससे ज्यादा के बॉन्ड पर ही निवेशक को टैक्स छूट मिलती है।

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