Move to Jagran APP

Income Tax: किराये और ब्याज के पैसे पर बचा सकते हैं TDS, बस फॉलो करें ये टिप्स

टैक्स का भुगतान करना सभी टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है। अगर करदाता समय से टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं तो Income Tax द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाती है। टैक्स भुगतान के लिए आयकर विभाग द्वारा टैक्स स्लैब बनाया गया है। कई टैक्सपेयर्स ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचाने की प्लानिंग कर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आप ब्याज या किराये की इनकम से कैसे TDS बचा सकते हैं।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Published: Wed, 13 Mar 2024 09:54 AM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2024 09:54 AM (IST)
किराए और ब्याज के पैसे पर बचा सकते हैं TDS

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा टैक्स नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा टैक्स भुगतान के लिए भी टैक्स स्लैब (Tax Slab) बनाया गया है। टैक्स स्लैब में आने वाले टैक्सपेयर्स को समय से टैक्स का भुगतान करना होता है।

अगर करदाता समय से पहले टैक्स का भुगतान नहीं करता है तो उन्हें आयकर विभाग (Income Tax Notice) द्वारा नोटिस भी मिलता है। जो करदाता रेंट या फिर बैंक में जमा राशि के ब्याज से इनकम कमाते हैं उनका टीडीएस (TDS) कटता है।

बता दें कि टीडीएस इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर काटा जाता है। आयकर अधिनियम 1961 में टीडीएस की दरों से संबंधित नियम बनाए गए हैं।

अगर करदाता की इनकम टैक्स स्लैब में नहीं आती है यानी कि कर देने योग्य नहीं है पर फिर भी उसका टीडीएस कट रहा है तो उसे जल्द से जल्द सुधार करने की जरूरत है। इसके लिए करदाता को फॉर्म 15 जी/एच भरना होगा।

यह भी पढ़ें- Rent Agreement क्‍यों है जरूरी? मकान मालिक और किरायेदार को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान, यहां जानें सबकुछ

फॉर्म 15जी/एच कौन-से टैक्सपेयर्स भरें

फॉर्म 15 जी/एच दो अलग आयु वर्ग के लिए होता है। फॉर्म 15एच का इस्तेमाल सीनियर सिटीजन यानी जिनकी आयु 60 साल से ज्यादा है। वहीं, 15जी का इस्तेमाल 60 साल से कम आयु वाले व्यक्ति कर सकते हैं। फॉर्म15 जी/एच का फॉर्म वहीं टैक्सपेयर भरते हैं जो कर देने योग्य नहीं है और उनका टीडीएस कटता है।

फॉर्म 15जी/एच एक तरह का स्व-घोषणा फॉर्म है। इस फॉर्म को टीडीएस कटौती के लिए ही बनाया गया है। इस फॉर्म के जरिये करदाता टीडीएस के तहत 2.5 लाख रुपये के कटौती का लाभ उठा सकते हैं। वहीं सीनियर सिटीजन टैक्सपेयर्स 3 लाख रुपये तक की कर छूट का लाभ उठा सकते हैं।

अगर नई कर व्यवस्था में शामिल टैक्सपेयर्स यह फॉर्म भरता है और उसकी इनकम 7 लाख रुपये से कम होती है तो उसे टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है।

फॉर्म 15जी/एच के बारे में

यह फॉर्म दो भाग में बांटा गया है। इस फॉर्म में करदाता को सभी जानकारी सही भरनी चाहिए। करदाता को एक विशेष बात का ध्यान देना चाहिए कि इस फॉर्म में वह नाम और डेट ऑफ बर्थ को सही भरें।

फॉर्म में टैक्सपेयर को इनकम सोर्स की भी जनकारी देनी होगी। अगर करदाता के पास 4 बैंक अकाउंट है तो उन्हें उसकी भी जानकारी देनी होगी।

यह भी पढ़ें- पैसों की कमी से नहीं रुकेगी बेटी की शादी, ज्योतिबाफुले श्रमिक कन्यादान योजना से श्रमिकों को मिलेगी मदद

 


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.