Income Tax: फर्जी रेंट स्लिप के कारण लोगों को धड़ाधड़ मिल रहे नोटिस, छूट पाने के लिए आपके पास ये विकल्प
Income Tax Notice इनकम टैक्स विभाग की ओर से फर्जी तरीके से एचआरए की छूट प्राप्त करने वाले लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस भेजने के लिए इनकम टैक्स विभाग एआई का भी सहारा ले रहा है। आप इनकम टैक्स के तहत छूट प्राप्त करने के लिए कई तरीकों को अपना सकते हैं। आइए जानते हैं... (फोटो - जागरण फाइल)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 31 Jul 2023 12:48 PM (IST)
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। इनकम टैक्स में नौकरी करने वाले लोगों को कुछ विशेष छूट दी जाती है, जिसमें एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंस प्रमुख है। इस लाभ किसी व्यक्ति को तभी मिलता है, जब वह नौकरी करते हुए किराए के घर में रहता है। आईटीआर में एचआरए की छूट को क्लेम करने के लिए टैक्सपेयर्स को रेंट स्लिप जमा करनी होती है।
कई बार देखा जाता है कि लोग एचआरए की छूट को क्लेम करने के लिए फर्जी रेंट स्लिप का सहारा लेते हैं। पहले के समय में इस तरह छूट लेना आसान था, लेकिन आज के समय में ये काफी मुश्किल हो गया है। इसकी वजह है एआई, जिसकी मदद से आईटीआर में लगाए गए किसी भी फर्जी क्लेम को आसानी से पहचाना जा रहा है और ऐसा करने वालों को नोटिस भी भेजा जा रहा है।
इनकम टैक्स विभाग कैसे पकड़ रहा फर्जी एचआरए क्लेम के मामले?
इनकम टैक्स विभाग की ओर से सालाना कमाई के आंकड़े (AIS) और फॉर्म -26 एएस को फॉर्म 16 का एआई की मदद से मिलान किया जा रहा है। साथ ही मकान मालिक के आईटीआर से इसका मिलान किया जा रहा है। क्योंकि अगर कोई करदाता एचआरए छूट क्लेम करता है तो उसके मकान मालिक को इसे अपनी इनकम में दिखाना होता है। इस तरह इनकम टैक्स विभाग की ओर से फर्जी मामलों को पकड़ा जा रहा है।
मकान मालिक का पैन कार्ड दिखाना होगा
इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक किसी भी टैक्सपेयर की ओर से एक वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक का किराया चुकाया जा रहा है तो उसे एचआरए पर छूट क्लेम करते समय मकान मालिका का पैन देना होता है। इसकी मदद से इनकम टैक्स अधिकारियों की ओर से मकान मालिक के एआईएस से मिलान किया जाता है तो इस राशि का विवरण भी देखा जाता है। अगर किसी व्यक्ति ने फर्जी तरीके से क्लेम किया है तो इसका पता मिलान के साथ ही चल जाता है और इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस जारी कर दिया जाता है।वहीं, अगर किराया एक लाख रुपये से भी कम है तो भी फर्जीवाड़ा आसानी से पकड़ा जाता है। क्योंकि रेंट एग्रीमेंट में मकान मालिक से जुड़ी सभी जानकारी होती है।