Old and New Tax Regime: टैक्स सिस्टम का चुनाव करने से पहले इन बातों पर करें गौर, ले सकेंगे सही निर्णय
Old Or New Tax Regime अगर आप एक करदाता है तो आपको भी नई या पुरानी कर व्यवस्था में से किसी एक को चुनना होगा। ऐसे में अगर आप कन्फ्यूज हैं कि किसका चुनाव किया जाए तो इन 5 प्वाइंट को जरूर देखें। (फोटो-जागरण ग्राफिक्स)
By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Tue, 18 Apr 2023 08:59 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बजट 2022 में नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को पेश किया गया था और इस वित्तीय वर्ष से डिफॉल्ट रूप से लागू किया गया है। बाद में CBDT ने नियोक्ताओं को आदेश जारी कर कहा था कि यह कंपनी को उनके कर्मचारियों से पूछना होगा कि वे किस व्यवस्था में रहना चाहते हैं। ऐसे में करों में छूट (Tax Deduction) का पूरा फायदा लेने के लिए कर्मचारियों को समझना होगा कि उनके लिए कौन-सी व्यवस्था सही रहेगी।
नई या पुरानी किसी भी कर व्यवस्था ( Old And New Tax Regime) का चुनाव करने से पहले कुछ जरूरी बातों पर गौर करना जरूरी है, ताकि करदाता सही निर्णय ले सके। इन जरूरी बातों को नीचे दिए 5 प्वाइंट से समझा जा सकता है।
1. टैक्स स्लैब को समझें
नई या पुरानी कर व्यवस्था का चुनाव करने से पहले अपनी सही आय का अनुमान लगा लें। जानकारों के मुताबिक, अगर करदाता की सालाना आय 15 लाख रुपये तक या इससे कम है और अगर करदाता ने किसी तरह का निवेश नहीं कर रखा है, तो उसके लिए नई व्यवस्था अच्छी रहेगी। नई कर व्यवस्था के तहत 20% का टैक्स लगता है, जबकि पुरानी व्यवस्था के तहत 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
2. निवेशकों के लिए जरूरी बातें
अगर आप एक ऐसे करदाता है, जिसने जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, पेंशन प्लान जैसी कई योजनाओं पर निवेश कर रखा है। साथ ही होम लोन या इसी तरह के लोन के प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं तो पुरानी कर व्यवस्था का चुनाव करें।ऐसा इसलिए, क्योंकि नई व्यवस्था के तहत करदाता आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत किसी भी डिडक्शन का क्लेम नहीं कर सकेंगे। ऐसे में उन्हें 1.50 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा और सिर्फ स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 50,000 रुपये की छूट ही मिल सकेगी।