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ब्याज देने के मामले में टैक्स सेविंग FD से आगे है पोस्ट ऑफिस की यह स्कीम, निवेश और रिटर्न रहेगा एकदम सेफ

अब वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने वाला है। ऐसे में अगर आप टैक्स बचाने के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास ज्यादा समय नहीं है। अगर आपने अभी तक तय नहीं किया है कि स्कीम में निवेश करें तो हम आपको दो विकल्प के बारे में बता रहे हैं। यहां आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और शानदार रिटर्न भी मिलेगा। साथ ही आप टैक्स भी बचा पाएंगे।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 30 Mar 2024 12:38 PM (IST)
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मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स बचाने के लिए आपको 31 मार्च तक निवेश करना होगा।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। हम जब भी किसी स्कीम में पैसा लगाते हैं, तो हमारे दिमाग में अमूमन तीन चीजें होती हैं। निवेश सुरक्षित रहे, अच्छा रिटर्न मिले और टैक्स बचे। अगर आप भी ये तीनों फायदे चाहते हैं, तो नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) या टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (TSFD) में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, टैक्स छूट के लिए आपको ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत ही इनम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना होगा।

आइए जानते हैं कि NSC और TSFD में क्या अंतर है और किसमें क्या फायदा मिलता है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)

पोस्ट ऑफिस की राष्‍ट्रीय बचत पत्र यानी NSC स्कीम में आपका पैसा सुरक्षित रहता है। साथ ही, रिटर्न भी तय रहता है। NSC में आप सिर्फ 1 हजार रुपये निवेश शुरु कर सकते हैं। अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं। ब्याज फिलहाल 7.7 फीसदी है, जिस पर सरकार हर तिमाही विचार करती है। लॉक इन पीरियड 5 साल रहता है।

टैक्स छूट की बात करें, तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत सालाना डेढ़ लाख रुपये तक टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, आपको निवेश पर जो ब्याज मिलेगा, वो टैक्सेबल रहेगा यानी उस पर टैक्स देना पड़ेगा।

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (TSFD)

टैक्स सेविंग FD भी सामान्य FD की तरह है, लेकिन इसमें टैक्स छूट का लाभ मिलता है। आप 5 साल की टैक्स सेविंग FD पर 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं। ब्याज बैंकों के हिसाब से अलग-अलग है। यह आमतौर पर 5.5 से 7.75 प्रतिशत तक है। लॉक-इन पीरियड 5 साल का होता है।

SBI सभी नागरिकों को 6.50 प्रतिशत ब्याज दे रहा। वहीं, HDFC बैंक और ICICI बैंक में इंटरेस्ट रेट 7-7 प्रतिशत है। ज्यादातर बैंकों में सीनियर सिटिजन यानी वरिष्ठ नागरिकों को कुछ अधिक ब्याज मिलता है। यह 0.25 प्रतिशत से लेकर 0.75 प्रतिशत तक हो सकता है।

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