New Tax Regime : न्यू टैक्स रिजीम में भी मिलती है छूट, बस तरीका पता होना चाहिए
अब इंडियन टैक्सपेयर्स के पास टैक्स देने के दो विकल्प हैं न्यू टैक्स रिजीम या फिर ओल्ड टैक्स रिजीम। अगर आप नए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुद से कोई टैक्स रिजीम नहीं चुनते तो आपका ITR न्यू टैक्स रिजीम के तहत फाइल होगा। आप न्यू रिजीम में भी कुछ टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अब टैक्सपेयर्स के पास टैक्स भरने के लिए दो टैक्स रिजीम (Tax Regimes) हैं। अगर आप कोई टैक्स रिजीम नहीं चुनते, तो मौजूदा असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए आपका ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) नए टैक्स रिजीम के तहत फाइल होगा। निवेश करके टैक्स बचाने के लिहाज से ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) को ज्यादा बेहतर माना जाता है।
लेकिन, अगर आपने नया टैक्स रिजीम चुना है, तो इसमें भी कुछ टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्टैंडर्ड डिडक्शन, ट्रांसपोर्ट और VRS में छूट
पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम में था। लेकिन, अब इसे न्यू टैक्स रिजीम में भी शामिल कर लिया गया है। इसका मतलब है कि आपकी टैक्सेबल इनकम सीधे 50 हजार रुपये तक कम हो जाएगी। अगर टैक्सपेयर दिव्यांग कैटेगरी में आता है, तो वह ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर डिडक्शन क्लेम कर सकता है। नौकरीपेशा लोग भी ट्रैवल, ट्रांसपोर्ट और ऑफिस काम के लिए मिलने दूसरे अलाउंस पर टैक्स छूट ले सकते हैं।अगर कोई वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) लेता है, तो कुछ शर्तों के साथ ग्रैच्युटी और लीव एन्कैशमेंट यानी बची हुई छुट्टियों के बदले मिलने वाले पैसों पर भी न्यू टैक्स रिजीम में छूट का लाभ मिलता है।
होम लोन, गिफ्ट और फैमिली पेंशन पर भी क्लेम
अगर आप कोई मकान किराये पर दे रखा है और उसका होम लोन भर रहे हैं, तो आपको इसके इंटरेस्ट पर डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत रहती है। अगर आपने जीवनसाथी, भाई-बहन या किसी रिश्तेदार को 50 हजार रुपये का गिफ्ट देते हैं, तो उस पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) अकाउंट में निवेश करने वाले नौकरीपेशा कॉन्ट्रिब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।नए टैक्स रिजीम में कितनी कमाई है टैक्स फ्री?
नए टैक्स रिजीम (New tax regime) में 3 लाख रुपये तक की कमाई ही टैक्स फ्री है। लेकिन, अगर आप सालाना 7 लाख रुपये तक भी कमाते हैं, तो भी आपको एक भी रुपये टैक्स नहीं देना होगा। दरअसल, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत 12,500 रुपये की सीधी टैक्स छूट मिलती है।इसका मतलब कि अगर आपकी टैक्स देनदारी 12,500 रुपये या इससे कम रहती है, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एक पैसा भी नहीं देना होगा। इस हिसाब से नए टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक सालाना कमाई वालों का टैक्स शून्य हो जाता है। अगर इसमें 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिला लें, तो साढ़े सात लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री हो जाती है।