इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय करदाता ज्यादा से ज्यादा छूट का लाभ उठाना चाहते हैं। सैलरीड पर्सन HRA डिडक्शन का लाभ उठा सकता है। अगर एचआरए क्लेम में किसी भी तरह की कोई विसंगति मिल जाती है तो विभाग क्लेम रिजेक्ट कर देता है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि क्लेम के लिए कौन-से डॉक्यूमेंट जरूरी होते हैं?
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न (
ITR) फाइल करते समय करदाता ज्यादा से ज्यादा छूट का लाभ उठाना चाहते हैं। वैसे तो
आयकर विभाग द्वारा करदाता को कई योजनाओं और भत्तों पर टैक्स छूट दिया जाता है। यहां तक कि वेतनभोगी व्यक्ति जो अपने आवास के लिए किराया देता है तो वह भी HRA डिडक्शन का लाभ उठा सकता है।
आपको बता दें कि सैलरीड पर्सन को सैलरी के साथ घर का किराया भत्ता (HRA) मिलता है। ऐसे में करदाता एचआरए छूट के लिए क्लेम करते हैं, लेकिन कई बार आयकर विभाग उनके क्लेम को रिजेक्ट कर देते हैं।ऐसे में सवाल आता है कि एचआरए क्लेम कैसे करें ताकि क्लेम रिजेक्ट न हो और क्लेम करते वक्त कौन-से डॉक्यूमेंट्स अनिवार्य है।
एचआरए क्लेम कैसे करें ये जानने से पहले बता दें कि कर्मचारी को कितना एचआरए मिलता है इसकी जानकारी सैलरी स्लिप में होती है। इसके अलावा कंपनी अपने फाइनेंशियल ईयर के टैक्स प्रोजेक्शन स्टेटमेंट में भी इसकी जानकारी देता है।
एचआरए सैलरी का ही एक हिस्सा है, इसलिए फॉर्म 16 के भाग बी में इसकी जानकारी होती है। फॉर्म 16 कंपनी द्वारा जारी किया जाता है। इसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी, टीडीएस (TDS), एचआरए जैसे बाकी सभी जानकारी होती है।
क्या रेंट एग्रीमेंट और रिसिप्ट जरूरी है?
एचआरए क्लेम के लिए रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) जरूरी होता है। इसके अलावा रेंट रिसिप्ट (Rent Receipt) भी महत्वपूर्ण है। दरअसल, रेंट रिसीप्ट से यह पता चलता है कि कर्मचारी ने रेंट एग्रीमेंट के हिसाब से ही किराया का भुगतान किया है।
इसी वजह से करदाता को यह दोनों डॉक्यूमेंट संभालकर रखना चाहिए। कई बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट किसी विसंगति की वजह से इन दस्तावेज को जमा करने का आदेश दे देता है।किराये की रसीद न होने पर विभाग द्वारा क्लेम रिजेक्ट भी किया जा सकता है। दरअसल, कई बार करदाता अपने परिवार के सदस्यों के साथ रेंट एग्रीमेंट करते हैं। इस तरह के मामले में किराए की रसीदों या फिर वास्तविक भुगतान के प्रूफ में कमी की वजह से विभाग क्लेम को रिजेक्ट कर देते हैं।
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बिना पैन कार्ड के फाइल कर सकते हैं क्लेम
आयकर विभाग द्वारा पैन कार्ड (Pan Card) जारी किया जाता है। वैसे तो नियमों के अनुसार अगर व्यक्ति सालाना किराया 1 लाख रुपये से कम देता है तब मकान मालिक के पैन कार्ड की जरूरत नहीं होती है।
वहीं, 1 लाख रुपये से ज्यादा किराए पर मकान मालिक के पैन डिटेल्स देना अनिवार्य है। अगर किराएदार सालाना 6,00,000 रुपये से ज्यादा किराया देता है तो महीने के किराए से 10 फीसदी का टीडीएस कटता है।अगर मकान मालिक के पास पैन नहीं है तो ऐसी स्थिति में मकान मालिक को लिखित घोषणापत्र देना होता है। इसमें मकान मालिक को नाम, पता और बाकी जानकारी देनी होती है। इन जानकारी के जरिये रेंट रिसिप्ट को वेरीफाई करने में मदद मिलती है।
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