ITR Filling: अगर आईटीआर फाइल करते समय नहीं मैच कर रहा टीडीएस डेटा तो क्या करें? यहां जानें जवाब
ITR Filling इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय टीडीएस की अहम भूमिका होती है। टीडीएस (TDS) एक तरह का सिस्टम है जो सरकार द्वारा जारी किया गया है। इसमें करदाता के इनकम से जो टैक्स काटा जाता है वह शामिल होता है। कई बार फॉर्म 26AS में टीडीएस की जानकारी गलत होती है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि ऐसी स्थिति में टैक्सपेयर को क्या करना चाहिए?
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय टीडीएस की अहम भूमिका होती है। टीडीएस (TDS) एक तरह का सिस्टम है जो सरकार द्वारा जारी किया गया है। इसमें करदाता के इनकम से जो टैक्स काटा जाता है वह शामिल होता है।
टीडीएस क्या है? (What is TDS)
आपको बता दें कि टीडीएस एक तरह का सिस्टम है जो सरकार ने टैक्स कटौती में हो रही चोरी को रोकने के लिए शुरू किया था। यह किसी भी सैलरी, ब्याज, किराया या प्रोफेशनल फीस देने से पहले एक तय राशि में टैक्स के रूप में काट लिया जाता है। टीडीएस में शामिल राशि सरकार के पास डायरेक्ट जाती है।अगर ज्यादा टीडीएस राशि कट जाती है तो आईटीआर फाइल करते समय करदाता टीडीएस डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकता है। आईटीआर में फॉर्म 26AS में टीडीएस से जुड़ी राशि की जानकारी होती है।
फॉर्म 26AS में होती है ये जानकारी
फॉर्म 26AS के भाग A में पूरे कारोबारी साल में इनकम से काटे गए टीडीएस की जानकारी होती है। इसमें कटौतीकर्ता का नाम, TAN नंबर, इनकम सोर्स, टीडीएस जमा करने की तारीख आदि जानकारी होती है।फॉर्म 26AS में दी गई टीडीएस जानकारी को वेरीफाई करने के बाद ही फाइल करना चाहिए। अब ऐसे में सवाल आता है कि अगर फॉर्म 26AS में मौजूद टीडीएस से जुड़ी जानकारी फॉर्म 16 से मैच न खाती हो तो क्या करें?यह भी पढ़ें- इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले चेक कर लें अपना एआईएस, गलती हुई तो ठीक करने का मिलेगा मौका