ITR Filling: टैक्स स्लैब जितनी नहीं है आपकी इनकम, फिर भी क्यों फाइल करें आईटीआर; जानें क्या हैं इसके फायदे
Benefits of ITR Filing देश के अधिकतर लोगों को लगता है कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) उन्हें फाइल करना चाहिए जो टैक्स का भुगतान करते हैं। इसका मतलब है कि जिनकी सैलरी टैक्स स्लैब (Tax Slab) जितनी है। जबकि ऐसा नहीं है। अगर आपकी सैलरी कम है फिर भी आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए। आइए इस लेख में इसके फायदे जानते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR)फाइल करना केवल टैक्सपेयर्स की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उन व्यक्तियों को भी आईटीआर फाइल करना चाहिए जिनकी सैलरी निर्धारित टैक्स स्लैब (Tax Slab) जितनी नहीं है। आपको बता दें कि इस प्रकार के रिटर्न फाइस तो जीरो आईटीआर या फिर Nil ITR कहते हैं।
वह व्यक्ति जिसकी सालाना इनकम टैक्सेबल जितनी नहीं वह ही Nil ITR फाइल करता है। जीरो रिटर्न (Zero Return) फाइल करना अनिवार्य नहीं है,लेकिन अगर आप इसे फाइल करते हैं तो आपको बहुत लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 (बुधवार) है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि जीरो रिटर्न के फायदे के बारे में जानते हैं।
आसानी से मिलेगा Loan
अगर आप जीरो रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको आसानी से लोन मिल जाएगा। जब आप लोन लेने जाते हैं तो वित्तीय संस्थान आपसे इनमक प्रूफ (Income Proof) मांगते हैं। आप इनकम प्रूफ के तौर पर पिछले 3 सालों का आईटीआर कॉपी जमा कर सकते हैं। आईटीआर भी इनकम प्रूफ के तौर पर काम करता है।आसानी से मिलेगा Visa
दुनिया के कई विकसित देशों में वीजा के लिए आईटीआर की कॉपी मांगते हैं। आईटीआर के जरिये वह व्यक्ति का फाइनेंशियल स्टेटस चेक करते हैं। अगर आप कोई जॉब नहीं करते हैं और अमेरिका जैसे विकसित पश्चिम देश जा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में आप अपने माता-पिता के आईटीआर कॉपी दे सकते हैं।
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बीमा पॉलिसी के लिए
50 लाख रुपये से ज्यादा की बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) खरीदने पर भी कंपनी आईटीआर की कॉपी मांगती है। एलआईसी (LIC) में 50 लाख रुपये से ज्यादा के टर्म पॉलिसी (Term Policy) लेने पर आईटीआर मांगती है। दरअसल, आईटीआर से पता चल जाता है कि पॉलिसीधारक प्रीमियम का भुगतान करने के योग्य है या नहीं।