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बिना Form 16 के भी चुटकियों में फाइल हो जाता है ITR, बस करना होगा ये काम

ITR Without Form 16 बहुत से टैक्स पेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न अंतिम तारीख से पहले फाइल करना चाहते हैं हालांकि उन्हें अभी तक फॉर्म 16 जारी नहीं किया गया है। ऐसे में बिना फॉर्म के भी आईटीआर फाइल किया जा सकता है।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 29 May 2023 09:45 PM (IST)
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ITR Without Form 16 Can Be Filed With The Help Of Salary Slip, Pic Courtesy- Jagran File
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बहुत से यूजर्स के जेहन में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए फॉर्म 16 को लेकर सवाल आते हैं। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अभी तक फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए फॉर्म 16 नहीं जारी किया है।

ऐसे में ऑनलाइन आईटीआर फाइल किया जा सकता है या नहीं इसको लेकर यूजर गूगल सर्च कर तरह-तरह के आर्टिकल पढ़ रहे हैं। अगर आप भी आईटीआर फाइल करना चाहते हैं तो फॉर्म 16 नहीं है तो ये आर्टिकल आपके लिए ही लिख रहे हैं। इस आर्टिकल में आपके सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं-

क्या फॉर्म 16 के बगैर आईटीआर फाइल किया जा सकता है?

अगर आप भी एक टैक्सपेयर हैं और फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए आईटीआर अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2023 से पहले फाइल करना चाहते हैं तो ऐसा बिना फॉर्म 16 के किया जा सकता है।

टैक्स पेयर के पास आईटीआर फाइल करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही सुविधाएं मौजूद हैं। ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्स पेयर ई-फाइलिंग पोर्टल पर विजिट कर सकता है।

फॉर्म 16 के बगैर आईटीआर कैसे फाइल करें?

अगर टैक्सपेयर बगैर फॉर्म 16 के आईटीआर फाइल करना चाहता है तो इसके लिए पेयर के पास सैलरी स्लिप का होना जरूरी शर्त है। सैलरी स्लिप के साथ फॉर्म 26AS की भी जरूरत होगी।

फॉर्म 26AS की बात करें तो यह एनुअल टैक्स स्टेटमेंट इनकम टैक्स डिपोर्टमेंट की ओर से जारी किया जाता है। इस फॉर्म को टैक्स पेयर टैक्स डिपार्टमेंट की TRACES वेबसाइट से डिवाइस में डाउनलोड कर सकता है। इसके अलावा, ऑथराइज्ड बैंक की नेटबैंकिंग सुविधा से भी इस फॉर्म को पाया जा सकता है।

 कौन-सा फॉर्म में किस टैक्स पेयर के लिए?

ऑनलाइन आईटीआर फाइल करने के लिए टैक्सपेयर को फॉर्म 1 या फॉर्म 4 को फिल करना होगा। फॉर्म 1 का इस्तेमाल वे टैक्सपेयर कर सकते हैं जिनकी आय के दूसरे स्रोत के रूप में कृषि, सैलरी, पेंशन, हाउस प्रॉपर्टी से इनकम 5 हजार रुपये तक होती है।

इसके लिए रेजिडेंट की कुल इनकम 50 लाख रुपये तक होनी चाहिए और यह इनकम बिजनेस और प्रोफेशन से होनी चाहिए।