सुकन्या समृद्धि से लेकर GPF की नई ब्याज दरें हो गई जारी, जानें कहां मिल रहा सबसे ज्यादा रेट
New Interest rates सरकार ने General Provident Fund (GPF) की नई ब्याज दर जारी की है। इसमें 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच GPF पर 7.1 फीसद ब्याज मिलेगा। यह दरें 1 अक्टूबर से प्रभावी हो चुकी हैं।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Thu, 07 Oct 2021 07:17 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार ने General Provident Fund (GPF) की नई ब्याज दर जारी की है। इसमें 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच GPF पर 7.1 फीसद ब्याज मिलेगा। यह दरें 1 अक्टूबर से प्रभावी हो चुकी हैं। इसमें सभी तरह के भविष्य निधि खाते शामिल होंगे।
भारत सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी आशीष वचानी के मुताबिक यह फैसला The General Provident Fund (Central Services), The Contributory Provident Fund (India), The All India Services Provident Fund, The State Railway Provident Fund, The General Provident Fund (Defence Services), The Indian Ordnance Department Provident Fund, The Indian Ordnance Factories Workmen’s Provident Fund, The Indian Naval Dockyard Workmen’s Provident Fund, The Defence Services Officers Provident Fund और The Armed Forces Personnel Provident Fund पर भी लागू होगा।
इससे पहले सरकार ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) जैसी लघु बचत योजनाओं पर 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिये ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया था। कोविड-19 महामारी और महंगाई दर में वृद्धि के बीच यह फैसला किया गया। पीपीएफ (PPF Interest Rate) और एनएससी पर सालाना ब्याज दर (NSC Interest Rate) क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत बनी रहेगी।
वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दरें 2021-22 की तीसरी तिमाही (एक अक्टूबर, 2021 से 31 दिसंबर 2021) के लिये यथावत रहेंगी। विश्लेषकों के अनुसार ब्याज दरों को यथावत रखने के निर्णय के पीछे उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव एक प्रमुख कारण हो सकता है। पश्चिम बंगाल के बाद उत्तर प्रदेश लघु बचत योजनाओं में सबसे अधिक योगदान करने वाला राज्य है। उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कमी करने का निर्णय किया था। लेकिन ठीक अगले ही दिन, एक अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने 1.1 प्रतिशत तक की बड़ी कटौती के निर्णय को रद्द कर दिया।
इससे 2021-22 की पहली तिमाही में ब्याज दर पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही की ब्याज दरों के अनुरूप ही रहीं। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है। एक साल की मियादी जमा पर ब्याज 5.5 प्रतिशत बना रहेगा जबकि बालिकाओं के लिये शुरू की गई बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना खाते पर ब्याज पहले की तरह 7.6 प्रतिशत मिलेगा।
5 साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है। वहीं, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है। बचत जमा पर ब्याज 4 प्रतिशत मिलता रहेगा। 1 साल से 5 साल के लिए मियादी जमाओं पर ब्याज दरें 5.5 से 6.7 प्रतिशत होगी। जबकि 5 साल की आवर्ती जमा पर ब्याज 5.8 प्रतिशत दिया जाएगा। (Pti इनपुट के साथ)