बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इस साल बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स (
Capital Gain Tax) के नियमों में बदलाव किया था। नए नियमों के अनुसार अगर प्रॉपर्टी बेचने पर ज्यादा प्रॉफिट हो रहा है तो टैक्स ज्यादा लगेगा। सरकार के अनुसार टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
यह नियम अभी तक लागू नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार इस फैसले को एक दो साल तक टाल सकती है।
कैपिटल गेन टैक्स के नए नियम कब से लागू होंगे, इसका तो नहीं पता। लेकिन, हां हम आपको बताएंगे कि आप इनकम टैक्स एक्ट के किस सेक्शन के तहत ज्यादा से ज्यादा पैसे बचा सकते हैं।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54, सेक्शन 54F, ,सेक्शन 54EC, सेक्शन 54 का लाभ उठाकर आप अपने कैपिटल गेन टैक्स में काफी हद तक बचत कर सकते हैं। हालांकि, यह जरूरी है कि आप इनकम टैक्स एक्ट के नियमों का सही-सही पालन करें और किसी भी प्रकार की गलत जानकारी देने से बचें। टैक्स में छूट के लिए एक सही योजना बनाना और उसकी प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक निवेश विशेषज्ञ के रूप में, मैं आपको सलाह दूंगा कि आप टैक्स से संबंधित मामलों में एक योग्य कर सलाहकार से परामर्श करें ताकि आप अपने टैक्स की जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभा सकें और छूट का पूरा लाभ उठा सकें।
सिद्धार्थ मौर्य, फाउंडर एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, विभावंगल अनुकूलकारा प्राइवेट लिमिटेड
आयकर अधिनियम धारा-54
आयकर अधिनियम की धारा-54 के तहत आप कैपिटल गेन टैक्स बचा सकते हैं। इसमें आपको प्रॉपर्टी बेचने की तारीख से तीन साल के अंदर एक और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश करना होगा। अगर आपका कैपिटल गेन टैक्स 2 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है तब आप दो प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, आप इस बात का ध्यान रखें कि आप यह केवल एक बार ही कर सकते हैं।
आयकर अधिनियम धारा-54 में टैक्स छूट की लिमिट 10 करोड़ रुपये है। इसमें नई प्रॉपर्टी पर 3 साल का लॉक-इन-पीरियड होता है। इसका मतलब है कि आप 3 साल तक प्रॉपर्टी को बेच नहीं सकते हैं।
इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 54EC
अगर आपने जमीन या मकान बेचकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन बनाया है तब आप 54EC धारा की तहत 50 लाख रुपये तक की राशि बचा सकते हैं। इसमें आपको जमीन या मकान बेचने के बाद 6 महीने के अंदर ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC), पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) या भारतीय रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) के बॉन्ड्स में निवेश करना होगा। आप एक कारोबारी साल में 50 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। इन बॉन्ड्स का कूपन रेट 5.25 प्रतिशत है, जिस पर टैक्स लगेगा। इन बॉन्ड्स का लॉक-इन पीरियड भी 5 साल होता है।
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आयकर अधिनियम धारा- 54F
इस धारा में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को हटाकर बाकी सभी प्रॉपर्टी पर टैक्स बेनिफिट मिलता है। टैक्स छूट का फायदा उठाने के लिए करदाता को प्रॉपर्टी को बेचकर जो आय को निवेश करना होगा। यह निवेश रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में होना चाहिए।
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