Move to Jagran APP

Sebi ने म्‍यूचुअल फंड कंपनियों को दी राहत, मनी पूलिंग पर पाबंदी अभी नहीं लगेगी

Sebi Circular Mutual fund House 1 जुलाई तक फंड्स की पूलिंग कर पाएंगे। यानि वे ग्राहक से पैसा लेकर अपने पूलिंग खाते में जमा कर पाएंगे। Sebi ने अक्‍टूबर 2021 में इसके लिए सर्कुलर जारी किया था।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2022 05:10 PM (IST)
Hero Image
Mutual Funds हाउस को राहत मिली है। (Pti)
नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Mutual Funds फिलहाल निवेशकों की गाढ़ी कमाई की पूलिंग कर पाएंगे। बाजार नियामक Sebi ने Pooling of funds पर 1 अप्रैल से रोक लगाने का फैसला वापस ले लिया है। अब 1 जुलाई 2022 के बाद कोई फैसला होगा। दरअसल, म्‍यूचुअल फंड ट्रांजैक्‍शन में लगे स्टॉक ब्रोकर (Stock broker), म्यूचुअल फंड वितरक (Mutual Fund distributor), निवेश सलाहकार (Investment advisor) और दूसरे सर्विस प्रोवाइडर अपने ग्राहकों के पैसे की पूलिंग करते हैं । Sebi ने ऐसी मनी पूलिंग को रोकने के लिए अक्टूबर 2021 में सर्कुलर जारी किया था। सेबी के कदम के पीछे की मंशा निवेशकों के पैसे की सुरक्षा के साथ-साथ इस तरह के लेन-देन में शामिल बिचौलियों को किसी तरह के दुरुपयोग से रोकना थी।

हालांकि, आखिरी मिनट में सेबी ने यह बदलाव रोक दिया। Mutual Fund के इस पूलिंग पर रोक 1 जुलाई, 2022 तक नहीं लगेगी। इससे इन कंपनियों को तीन महीने की राहत मिली है। टैक्‍स एक्‍सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक अभी जो सिस्‍टम है, उसमें ग्राहक स्टॉक ब्रोकर के जरिए MF Units खरीदते हैं। इससे ग्राहक के खाते से पैसा ब्रोकर के पूल खाते में जमा हो जाता है। वहां से पैसा एनएसई क्लियरिंग या बीएसई क्लियरिंग कॉरपोरेशन (BSE Clearing corp) के खाते में जाता है, जिसे म्यूचुअल फंड AMC के खाते में जमा किया जाता है।

Sebi के मुताबिक एक बार पूलिंग बंद हो गई तो फंड सीधे निवेशक के खाते से एनएसई क्लियरिंग या बीएसई क्लियरिंग कॉर्पोरेशन में जाएगा। फिर स्टॉक ब्रोकर के खाते में पैसा नहीं जाएगा। इसके बाद म्यूचुअल फंड यूनिट को भी सीधे निवेशक के खाते में जमा किया जाना चाहिए। इसके अलावा Sebi ने एक ऐसा सर्कुलर भी जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 1 अप्रैल 2022 से पहले ऑडिट समिति और शेयरधारकों द्वारा मंजूरी प्राप्त एक Related-party transactions (आरपीटी) के लिए शेयरधारकों से दोबारा मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं होगी।